Move to Jagran APP

वायु सेना ने परखी परमाणु युद्ध की अपनी क्षमता, 13 दिन तक चला अभ्यास

अभ्यास का उद्देश्य वायु सेना की क्षमता को परखने के साथ जैविक, रासायनिक व परमाणु युद्ध से निपटने के तरीके भी विकसित करना था।

By Manish NegiEdited By: Published: Tue, 24 Apr 2018 11:07 PM (IST)Updated: Tue, 24 Apr 2018 11:07 PM (IST)
वायु सेना ने परखी परमाणु युद्ध की अपनी क्षमता, 13 दिन तक चला अभ्यास

नई दिल्ली, प्रेट्र। डोकलाम विवाद के बाद चीन शांत होकर नहीं बैठा है और एलओसी (नियंत्रण रेखा) पर पाक लगातार हरकतें कर रहा है। लिहाजा भारतीय सेना को भी अपनी तैयारी पूरी रखनी चाहिए। 13 दिनों तक चले वायु सेना के अभ्यास में साफ दिखा कि आज के परिप्रेक्ष्य में परमाणु युद्ध होता है तो वायु सेना उससे कैसे निपटेगी।

loksabha election banner

आठ से लेकर 20 अप्रैल तक चले अभ्यास में वायु सेना ने कुछ वैसे ही हालातों में परमाणु हथियारों को ले जाने की क्षमता का आकलन किया जो चीन व पाकिस्तान से मेल खाती हैं। अगर एक ही समय में दो तरफा लड़ाई छिड़ जाए तो किस तरह से मुकाबला किया जाएगा, इस दौरान इस पर भी फोकस रखा गया। सूत्रों का कहना था कि स्वदेश में निर्मित छोटे लड़ाकू विमान तेजस की क्षमता को कई बार परखा गया। आठ तेजस इस दौरान इस्तेमाल में लाए गए। छह में से हर एक ने रोजाना छह छोटी उड़ानें भरीं। इन्हें सुखोई, मिराज 2000 व मिग 29 की तरह से इस्तेमाल में लाया गया।

अभ्यास का उद्देश्य वायु सेना की क्षमता को परखने के साथ जैविक, रासायनिक व परमाणु युद्ध से निपटने के तरीके भी विकसित करना था। एक अधिकारी का कहना है कि परिणाम संतोषजनक रहा। इस दौरान जहाज रोधी मिसाइलों ब्रह्मोस व हारपून को भी शामिल किया गया। 13 दिनों में कुल 11 हजार छोटी उड़ानें विमानों ने भरी, जिनमें से नौ हजार लड़ाकू विमानों से की गई। सैन्य अभ्यास के दौरान हर तरह की स्थिति में लड़ने की क्षमता को परखा गया। इसमें लद्दाख, रेगिस्तान व समुद्री इलाके भी शामिल रहे। सबसे ज्यादा जोर इस बात पर रहा कि युद्ध के समय लड़ाकू विमान व हथियारों को कितनी जल्दी तैयार किया जा सकता है। जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की उपलब्धता 97 फीसद रही तो लड़ाकू विमान की तैयारी की दर 80 फीसद तक रही।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.