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चीन-पाकिस्तान को वायुसेना प्रमुख का कड़ा संदेश, भारत दोनों फ्रंट पर युद्ध लड़ने के लिए तैयार

चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच पांच राफेल लड़ाकू विमानों को वायुसेना में औपचारिक रूप से शामिल किया गया है। विमानों का यह बेड़ा पिछले कई हफ्तों से पूर्वी लद्दाख में उड़ान भर रहा है। राफेल के आने से वियुसेना की ताकत में काफी इजाफा हुआ है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Mon, 05 Oct 2020 01:14 PM (IST)Updated: Mon, 05 Oct 2020 04:27 PM (IST)
चीन-पाकिस्तान को वायुसेना प्रमुख का कड़ा संदेश, भारत दोनों फ्रंट पर युद्ध लड़ने के लिए तैयार
वायुसेना भविष्य में किसी भी संघर्ष में जीत सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएग।

नई दिल्ली, एएनआइ। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी तनातनी के बीच वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने कहा कि भारत दोनों फ्रंट पर लड़ने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना चीन और पाकिस्तान से एक साथ किसी भी संभावित युद्ध को लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि भविष्य में होने वाले किसी भी संघर्ष में वायुशक्ति हमारी जीत में अहम साबित होगी। वायुसेना किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए पूरी तरह संकल्पित है।

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लद्दाख के बारे में सवाल पूछे जाने पर वायुसेना प्रमुख ने कहा कि हमने सभी जरूरी जगहों पर तैनाती की है। हम किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार हैं। हमारे आस पास पैदा होते हालातों से पता लग गया है कि सेना को मजबूत और तैयार रहने की जरूरत है और मैं आश्वासन देना चाहता हूं कि भारतीय वायुसेना सबसे अच्छी सेनाओं में से एक है। चीन भी हमारी ताकत को समझ गया है। उन्होंने कहा कि हमने रिकॉर्ड समय में राफेल, चिनूक, अपाचे को परिचालन के लिए तैयार किया है। अगले 3 साल में राफेल और एलसीए मार्क 1 स्क्वाड्रन पूरी ताकत के साथ ऑपरेट करेंगे।

चीन के साथ जारी बातचीत पर वायुसेना प्रमुख ने कहा कि यह इसी बात पर निर्भर है कि डिसइंगेजमेंट पर बातचीत कैसी होती है। मुझे उम्मीद है कि बातचीत से ही मामला सुलझेगा। वर्तमान में प्रगति बहुत धीमी है। जमीनी हकीकत को देखकर हम कार्रवाई करेंगे। बता दें कि दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए कोर कमांडरों के बीच सातवें दौर की बातचीत 12 अक्टूबर को होगी।

इससे पहले वायुसेना प्रमुख ने कहा था कि हमारे उत्तरी सीमाओं पर वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य असहज स्थिति में है। यहां न तो कोई युद्ध की स्थिति है और न कोई शांति की। जैसा कि आप जानते हैं हमारे रक्षा बल किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं। चिनूक, अपाचे और अन्य विमानों के बेड़े के साथ राफेल लड़ाकू विमानों के आने से वायुसेना को मजबूत रणनीतिक क्षमता हासिल हुई है। बता दें कि फ्रांस में निर्मित पांच राफेल लड़ाकू विमानों को 10 सितंबर को वायुसेना में औपचारिक रूप से शामिल किया गया है। विमानों का यह बेड़ा पिछले कई हफ्तों से पूर्वी लद्दाख में उड़ान भर रहा है। 


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