VIDEO: दुनिया में दो देशों को जोड़ने वाले हैं कई टनल, जानें
भारत-चीन सीमा पर सैनिकों व हथियार को जल्द पहुंचाने के लिए दुनिया का सबसे लंबा ट्रैफिक टनल का निर्माण कराया गया है ऐसे दो देशों को जोड़ने वाले और भी कई टनल हैं।
नई दिल्ली, एएफपी। दुनिया में कई ऐसे टनल का निर्माण कराया गया है जो दो देशों को आपस में जोड़ती है। इसी क्रम में चीन सीमा तक भारत ने एक लंबे टनल का निर्माण किया है। चीन के साथ लगती सीमा पर सैनिकों और हथियारों को भेजने में लगने वाला समय अब कम हो जाएगा। इस तरह दो देशों को जोड़ने वाले टनल का निर्माण पहले भी हो चुका है।
दुनिया का सबसे लंबा रेल टनल
विश्व का सबसे लंबा रेल टनल जो दो देशों को एक दूसरे से जोड़ता है। पर्वतों को काटकर बनाए गए इस रेल टनल के एक साथ कई दिशाओं के लिए ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। स्विट्जरलैंड ने एल्प्स पर्वतों को काटकर दुनिया का सबसे लंबा रेल टनल का निर्माण किया जिसमें करीब 17 सालों का समय लग गया।
समुद्र के भीतर कई बड़े रेल टनल
तुर्की ने यूरोप और एशिया को जोड़ने वाले रेलवे टनल की शुरुआत की थी। वहीं 2019 में दो पूर्वी यूरोपीय देशों फिनलैंड और एस्टोनिया को जोड़ने के लिए दुनिया के सबसे बड़े रेल टनल का निर्माण किया। इसे बाल्टिक समुद्र के अंदर बनाने की योजना बनाई गई। इससे पहले इंग्लैंड और उत्तरी फ्रांस को जोड़ने वाले समुद्र के अंदर निर्मित रेल टनल के नाम यह रिकॉर्ड था।
हिमाचल प्रदेश में 9 किमी लंबा अटल रोहतांग टनल है समुद्र की सतह से यह 3000 मीटर की ऊंचाई पर है चीफ इंजीनियर पुरुषोत्तम ने इसका निर्माण कार्य चुनौतीपूर्ण बताते हुए कहा कि दोनों देशों को जोड़ने वाली यह सड़क पूरे साल नहीं खुली रहती थी। लाहौल बर्फबारी के कारण लगभग छह माह तक देश के बाकी हिस्सों से कटा रहता था, अब 12 महीने कनेक्टिविटी रहेगी। महत्वाकांक्षी अटल सुरंग, लेह और लद्दाख के आगे के क्षेत्रों को सभी मौसम की कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। 80 किमी प्रतिघंटे की गति से प्रतिदिन 5000 वाहन गुजरने की इस टनल की क्षमता है।
VIDEO: India will this month open the world's longest high altitude traffic tunnel that will cut crucial hours off the time needed to speed troops and weapons to the remote border where it is in a standoff with China pic.twitter.com/EspqribUlL— AFP news agency (@AFP) September 16, 2020
यह अटल रोहतांग टनल उद्घाटन के लिए तैयार है। अटल टनल अब उद्घाटन के लिए तैयार है। इस टनल प्रोजेक्ट का ऐलान वर्ष 2000 के जून में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी। इस टनल के निर्माण की जिम्मेदारी सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को सौंपा गया था। 3,200 करोड़ रुपये की लागत वाली सुरंग के बनने से मनाली और लेह के बीच की 464 किमी की दूरी घट जाएगी। जिससे 8 घंटे के वक्त में 2 से ढाई घंटे तक के समय की बचत होगी।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ बढ़े तनाव के बीच भारतीय सेना की पुख्ता तैयारी हो गई है। सर्दियों में सेना यहां किस तरह प्रबंध करेगी इसे लेकर गर्म कपड़े, राशन, टेंट और हीटर तक की व्यवस्था कर ली गई है। इसके अलावा भी सेना ने अन्य सामान का स्टॉक पूरा कर लिया है। फॉरवर्ड पोस्टों तक सभी सामान पहुंचा दिया गया है।
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