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UNSC में सुधार पर एक और जोर लगाएगा भारत, भारतीय दावेदारी को मजबूत करने अमेरिका पहुंच रहे हैं विदेश मंत्री

विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत की तरफ से इस मुद्दे पर खुली बहस का आयोजन किया गया है ताकि सभी देश इस पर मुक्त तरीके से अपने विचार रख सकें। इसमें यूएन के महासचिव एंटोनियो गुटेरस और महासभा के प्रेसिडेंट क्साबा कोरोसी भी हिस्सा लेंगे।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarPublished: Fri, 02 Dec 2022 10:22 PM (IST)Updated: Fri, 02 Dec 2022 10:22 PM (IST)
UNSC में सुधार पर एक और जोर लगाएगा भारत, भारतीय दावेदारी को मजबूत करने अमेरिका पहुंच रहे हैं विदेश मंत्री
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की फाइल फोटो।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : सितंबर, 2022 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान जिस तरह से कई देशों ने यूएनएससी में सुधार की वकालत की है उसे देखते हुए भारत अब इस मुद्दे को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय फलक पर लाने की कोशिश करेगा। यह कोशिश इस महीने (दिसंबर) में ही होगी जब भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का एक महीने के लिए अध्यक्ष बन रहा है।

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भारत की तरफ से यूएन में 14 दिसंबर को मौजूदा बहुपक्षीय ढांचे में बदलाव को लेकर उच्चस्तीय बैठक आयोजित किया गया है। इसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर भारतीय दल की अगुवाई करने के लिए अमेरिका जा रहे हैं जहां भारत की तरफ से यह प्रस्ताव भी रखा जाएगा कि यूएन, विश्व बैंक समेत अन्य बहुपक्षीय संगठनों को किस तरह से वैश्विक परिवर्तन के हिसाब से प्रासंगिक बनाया जा सकता है और इसके लिए क्या ठोस कदम उठाने चाहिए।

भारत को बनाया गया है दो सालों के लिए अस्थाई सदस्य 

विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत की तरफ से इस मुद्दे पर खुली बहस का आयोजन किया गया है ताकि सभी देश इस पर मुक्त तरीके से अपने विचार रख सकें। इसमें यूएन के महासचिव एंटोनियो गुटेरस और महासभा के प्रेसिडेंट क्साबा कोरोसी भी हिस्सा लेंगे। भारत दो वर्षों के लिए यूएनएससी का अस्थाई सदस्य बनाया गया है जिसकी अवधि 31 दिसंबर, 2022 को समाप्त हो रही है। हर अस्थाई सदस्य को उसके कार्यकाल के दौरान दो बार दुनिया की सबसे बड़ी पंचायत की अध्यक्षता करने का मौका मिलता है। भारत ने इस कार्यकाल के दौरान यूएनएससी में सुधार को मुख्य चर्चा में लाने की कोशिश की है। इसका असर भी हुआ है।

आतंकवाद के खिलाफ होगी एक उच्चस्तरीय बैठक  

सितंबर, 2022 में संयुक्त राष्ट्र की आम सभा के दौरान अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देशों ने मौजूदा ढांचे को बदलने की बात कही है। इस कार्यकाल के दौरान भारत की तरफ से आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग को और प्रगाढ़ करने पर भी जोर देगा। इस उद्देश्य से 15 दिसंबर को 'आतंकी गतिविधियों से अंतराष्ट्रीय शांति को खतरा: इसकी चुनौतियां व आगे की राह' पर उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई है। इसमें भी भारतीय पक्ष की अगुवाई विदेश मंत्री जयशंकर करेंगे।

इसमें हाल ही में यूएनएससी की आतंकवाद निरोधी समिति की मुंबई व नई दिल्ली में हुई बैठक के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। भारत का ऐसा मानना है कि हाल के दिनों में कोविड और यूक्रेन संकट की वजह से आतंकवाद के खिलाफ पूर्व में बने माहौल में कमी आई है और इसका खतरा आने वाले दिनों में उठाना पड़ सकता है। इसलिए वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद के खतरे को लेकर एक बार फिर सचेत करना चाहता है।

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