अमेरिका की नाराजगी के बावजूद भारत रूस से खरीदेगा एस-400 मिसाइल
सरकारी सूत्रों के अनुसार भारत इस मामले में क्षेत्रीय सुरक्षा के हालात का हवाला देकर ट्रंप प्रशासन से राहत की मांग कर सकता है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। माना जा रहा है कि भारत अमेरिका के साथ 'टू प्लस टू वार्ता' में रूसी एस-400 ट्रिंफ एयर डिफेंस सिस्टम की खरीद को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर देगा। भारत बता देगा कि वह 40 हजार करोड़ रुपये के इस सौदे के लिए आगे बढ़ेगा। इस मामले में वह रूस से रक्षा खरीद पर लगे अमेरिका के प्रतिबंध का पालन नहीं कर सकता।
सरकारी सूत्रों के अनुसार भारत इस मामले में क्षेत्रीय सुरक्षा के हालात का हवाला देकर ट्रंप प्रशासन से राहत की मांग कर सकता है। इस बड़ी रक्षा खरीद के लिए भारत लगभग सभी औपचारिकताएं पूरी कर चुका है। इसलिए वह इसे पूरा करेगा। वार्ता में अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो और रक्षा मंत्री जिम मैटिस को यह बात बताई जाएगी। अमेरिका ने काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट (काटसा) के तहत रूस से रक्षा खरीद को प्रतिबंधित कर रखा है। यह प्रतिबंधित रूस के क्रीमिया पर कब्जे और अमेरिकी चुनाव में रूसी हस्तक्षेप के मद्देनजर लगाया गया है। काटसा के तहत अमेरिका उन देशों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगा जो रूस से रक्षा सामग्री या खुफिया सूचनाओं का लेन-देन करते हैं।
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय में काटसा से संबंधित एशियाई मामलों को देख रहे रैंडल श्रीवर ने हाल ही में कहा है कि अमेरिका ने रूस से रक्षा खरीद पर भारत को छूट की गारंटी नहीं दी है। हां, राष्ट्रपति को यह कानूनी अधिकार है कि वह किसी देश को खरीद के लिए राहत दे सकते हैं। फिलहाल अमेरिका ने संकेत दिया कि वह नहीं चाहता है कि भारत रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम की खरीद करे।