धार्मिक कट्टरपंथ के खिलाफ आपसी समझ और सहयोग बढ़ाएगा भारत
पीएम नरेद्र मोदी ने पिछले वर्ष आसियान देशों की सालाना बैठक में कुछ देशों के शीर्ष नेताओं के साथ मुलाकात में इस मुद्दे को उठाया था।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत दक्षिण पूर्वी एशिया के उन देशों से सीख लेने को तैयार हैं जिन्होंने धार्मिक कट्टरता को बढ़ने से बड़ी सफलतापूर्वक रोका है। इन देशों के साथ एक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार भारत में आयोजित होगी जिसमें मलेशिया, ब्रुनेई, इंडोनेशिया जैसे देश हिस्सा लेंगे। ये देश अपने अनुभव एक दूसरे से साझा करेंगे ताकि इस क्षेत्र में इस समस्या को बढ़ने से पहले रोका जा सके।
पीएम नरेद्र मोदी ने पिछले वर्ष आसियान देशों की सालाना बैठक में कुछ देशों के शीर्ष नेताओं के साथ मुलाकात में इस मुद्दे को उठाया था। मोदी ने इन दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों की तरफ से धार्मिक कट्टरता के खिलाफ चलाये जाने वाले अभियान की तारीफ करते हुए उससे सीख लेने की इच्छा जताई थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि भारत इन देशों के साथ संपर्क में है और यह तय है कि कट्टरपंथ को समाप्त करने संबंधी अंतरराष्ट्रीय बैठक भारत में ही होगी। उसकी तिथि तय करने के लिए बातचीत हो रही है।
धार्मिक कट्टरता के खिलाफ अमेरिकी चंदा
उधर, भारत में धार्मिक कट्टरता के खिलाफ काम करने के लिए गैर सरकारी संगठनों को अमेरिकी सरकार की तरफ से आर्थिक मदद देने के मुद्दे पर सरकार ने काफी सोच समझ कर बयान दिया है। इस बारे में पूछने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि अभी इस बारे में विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है और सारी सूचना मिलने के बाद ही आधिकारिक तौर पर जबाव दिया जाएगा। हां, भारत ने यह स्पष्ट जरुर किया है कि जो भी संगठन भारत में इस विषय पर काम करेगा उसे स्थानीय कायदे कानून के हिसाब से ही काम करना होगा।
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