लक्ष्य से भटकी स्वदेशी क्रूज मिसाइल निर्भय
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। अग्नि-5 और समुद्र के भीतर से बैलेस्टिक मिसाइल वार क्षमता की सफलताएं टांकने के बाद देश की पहली क्रूज मिसाइल परीक्षण में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन [डीआरडीओ] को झटका लगा। उड़ीसा के चांदीपुर रेंज पर मंगलवार को हुआ लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल 'निर्भय' का परीक्षण अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर सका। निर्धारित लक्ष्य से भटकी मिसाइल को तटीय क्षेत्र में नुकसान का खतरा देखते हुए बीच में ही खत्म कर दिया गया।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। अग्नि-5 और समुद्र के भीतर से बैलेस्टिक मिसाइल वार क्षमता की सफलताएं टांकने के बाद देश की पहली क्रूज मिसाइल परीक्षण में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन [डीआरडीओ] को झटका लगा। उड़ीसा के चांदीपुर रेंज पर मंगलवार को हुआ लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल 'निर्भय' का परीक्षण अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर सका। निर्धारित लक्ष्य से भटकी मिसाइल को तटीय क्षेत्र में नुकसान का खतरा देखते हुए बीच में ही खत्म कर दिया गया।
हालांकि डीआरडीओ ने परीक्षण रेंज से 11:50 मिनट पर छोड़ी गई मिसाइल के परीक्षण को सफल बताया है। डीआरडीओ के मुताबिक,मिसाइल ने परीक्षण के लिए तय किए गए उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया है। डीआरडीओ प्रवक्ता रवि गुप्ता ने माना कि परीक्षण के दौरान मिसाइल करीब आधा रास्ता तय करने के बाद अपने निर्धारित मार्ग से भटक गई थी। सतह से सतह पर मार करने वाली 'निर्भय' भारत के मिसाइल बेड़े के लिए तैयार हो रही पहली स्वदेशी क्रूज मिसाइल है। रडार की पकड़ से बचते हुए दुश्मन पर घातक वार इसकी खूबी होगी।
अमेरिका की टॉम हॉक मिसाइल का भारतीय जवाब मानी जाने वाली निर्भय क्रूज मिसाइल आवाज से कम गति वाली एक सब-सोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसे जल, थल और आकाश में सभी तरह के प्लेटफार्मो से और हर मौसम में दागा जा सकेगा। इसे बंगलोर स्थित एरोनॉटिकल डिफेंस एस्टैब्लिशमेंट [एडीई] में तीनों सशस्त्र सेनाओं की जरूरतों के मद्देनजर तैयार किया जा रहा है। भारत ने अब तक अग्नि, आकाश, पृथ्वी जैसे बैलेस्टिक प्रक्षेपास्त्रों के विकास में तो कामयाबी हासिल की है, लेकिन जमीन की सतह से काफी कम ऊंचाई पर चलते हुए लक्ष्य संधान करने में सक्षम क्रूज मिसाइल क्षमता का यह पहला परीक्षण था।
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