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चीन की बदौलत हांगकांग में One Country Two System थ्‍योरी हो रही खत्‍म, रखनी होगी निगाह

हांगकांग का मुद्दा लगातार वैश्विक मंच पर गरमा रहा है। एक्‍सपर्ट मानते हैं कि भारत को इस पर करीब से निगाह रखनी होगी।

By Kamal VermaEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 07:03 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2020 09:10 AM (IST)
चीन की बदौलत हांगकांग में One Country Two System थ्‍योरी हो रही खत्‍म, रखनी होगी निगाह
चीन की बदौलत हांगकांग में One Country Two System थ्‍योरी हो रही खत्‍म, रखनी होगी निगाह

नई दिल्‍ली (जेएनएन)। हांगकांग का मुद्दा लगातार पेचीदा होता जा रहा है। चीन की संसद द्वारा राष्‍ट्रीय सुरक्षा कानून पर मुहर लगाने के बाद ये संकटअधिक गहरा गया है। इस कानून के पास होने के खिलाफ पहले ही कुछ देश अपनी आवाज बुलंद कर चुके हैं। इन देशों का मानना इसकी वजह से हांगकांग में रहने वाले लोगों के अधिकारों और उनकी स्‍वतंत्रता खतरे में पड़ जाएगी। हालांकि चीन इन देशों द्वारा जताई गई आशंका को सिरे से खारिज कर रहा है। वहीं ताइवान ने भी हांगकांग के मुद्दे पर चीन विरोधी देशों का साथ दिया है। बहरहाल, पूरे दुनिया हांगकांग को एक गंभीर विषय के तौर पर ले रही है।

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इस मुद्दे पर अमेरिका में भारत की पूर्व राजदूत मीरा शंकर का मानना है कि हांगकांग को लेकर स्थिति लगातार गंभीर हो रही है। उनका ये भी मानना है कि वहां पर होने वाले विरोध प्रदर्शन के जल्‍द खत्‍म होने की उम्‍मीद फिलहाल नजर नहीं आ रही है। वहीं चीन का शिकंजा लगातार हांगकांग पर कसता जा रहा है। ऐसे में जो पूर्व में चीन ने one country and two system के जिस समझौते पर हस्‍ताक्षर किए थे वो अब खत्‍म होता दिखाई दे रहा है। उन्‍होंने इस दौरान ये भी कहा कि हांगकांग के बदलते हालातों के मद्देनजर भारत को भी वहां पर रह रहे अपने नागरिकों के बारे में सोचना होगा। भारतीय मूल के ये लोग हांगकांग में बिजनेस के क्षेत्र में भी काफी आगे थे। लेकिन बदलते हालातों के बीच ये लोग वहां पर रहेंगे या नहीं ये कहना अभी मुश्किल है, लेकिन इस बारे में भारत को सोचने की जरूरत जरूर है।

उन्‍होंने कहा कि वहां पर रहने वाले लोगों के पास दोहरी नागरिकता भी है। मीरा ने कहा कि चीन जिस तरह से हांगकांग पर शिकंजा कस रहा है उसमें मुमकिन है कि वो आने वाले समय में यहां पर होने वाले विरोध प्रदर्शनों के खिलाफ और कठोर कार्रवाई करे और उन्‍हें दबाने की कोशिश करे। आपको बता दें कि चीन और हांगकांग का मुद्दा केवल एक देश का ही मुद्दा नहीं रह गया है बल्कि अमेरिका में होने वाले राष्‍ट्रपति चुनाव में भी यह मुद्दा तेजी से उठ रहा है। मीरा मानती हैं कि इस मुद्दे पर डेमोक्रेट और रिपब्लिकन दोनों ही मानते हैं कि चीन जो कर रहा है उससे उसे रोकना जरूरी है। उनके मुताबिक चीन को लेकर भी दोनों ही पार्टियों के नेता इस बात को लेकर चीन को अलग-थलग करना चाहते हैं। हांगकांग के मुद्दे पर भी अमेरिका समेत कुछ अन्‍य देशों की यही राय है।


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