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गलतफहमी से बचने के लिए चीन से जमीनी स्तर पर संवाद बरकरार : भारत

विदेश मंत्रालय ने कहा सभी क्षेत्रों में सैनिकों की पूर्ण वापसी के लिए बातचीत भी जारी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (डब्लूएमसीसी) की हालिया दौर की बैठक 18 दिसंबर को हुई थी।

By Nitin AroraEdited By: Published: Sat, 09 Jan 2021 10:00 AM (IST)Updated: Sat, 09 Jan 2021 10:00 AM (IST)
गलतफहमी से बचने के लिए चीन से जमीनी स्तर पर संवाद बरकरार : भारत
गलतफहमी से बचने के लिए चीन से जमीनी स्तर पर संवाद बरकरार : भारत

नई दिल्ली, एजेंसियां। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि किसी भी तरह की गलतफहमी और गलत अनुमान से बचने के लिए भारत और चीन ने जमीनी स्तर पर संवाद बरकरार रखा है क्योंकि शांति बहाल करने के लिए वर्तमान द्विपक्षीय समझौतों के मुताबिक तनाव वाले सभी क्षेत्रों में सैनिकों की पूर्ण वापसी के लिए बातचीत भी जारी है।

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (डब्लूएमसीसी) की हालिया दौर की बैठक 18 दिसंबर को हुई थी। दोनों पक्षों ने वरिष्ठ कमांडरों की अगले दौर की बैठक करने पर सहमति व्यक्त की है और इस संबंध में दोनों देशों के बीच राजनयिक और सैन्य माध्यमों के जरिये लगातार संवाद कायम है।

चीन में फंसे दो जहाजों के चालक दल को बदलने की अनुमति मांगी

विदेश मंत्रालय ने बताया कि चीनी जल क्षेत्र में फंसे दो जहाजों के भारतीय चालक दल को बदलने के लिए चीन स्थित भारतीय दूतावास ने बीजिंग से अनुमति मांगी है। अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'हमारे राजदूत ने चीनी उप विदेश मंत्री के समक्ष व्यक्तिगत तौर पर इस मुद्दे को फिर उठाया है और दोनों जहाजों एमवी जग आनंद और एमवी एनेस्टेसिया में भारतीय चालक दल के सदस्यों को बदलने की जल्द अनुमति देने का अनुरोध किया है। विदेश मंत्रालय भी इस मुद्दे पर नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास के साथ नियमित संपर्क में है।' बता दें कि इन दोनों मालवाहक जहाजों पर कुल 39 भारतीय सवार हैं और कोविड-19 नियंत्रण उपायों के तहत चीन ने उनके माल उतारने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है।

भारत ने हमेशा स्वतंत्र विदेश नीति का पालन किया

रूस से एस-400 वायु रक्षा प्रणालियों की खरीद को लेकर हाल की एक अमेरिकी रिपोर्ट में भारत को प्रतिबंधों की चेतावनी पर अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारत ने हमेशा एक स्वतंत्र विदेश नीति का पालन किया है। भारत और अमेरिका के बीच एक व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है। साथ ही भारत की रूस के साथ भी विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी है और भारत की स्वतंत्र विदेश नीति रक्षा खरीद और आपूर्तियों पर भी लागू होती है जो हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा हितों से निर्धारित होती हैं।

पासपोर्ट पर राष्ट्रीयता का कालम बरकरार

दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन के समर्थन में कनाडाई नेता रमनदीप बरार के देखे जाने पर अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि मंत्रालय ने इन रिपोर्टो का संज्ञान लिया है और तथ्यों की पड़ताल की जा रही है। पासपोर्ट पर से राष्ट्रीयता का कालम हटाए जाने संबंधी मीडिया रिपोर्ट पर उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह गलत है और कालम में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

शांतिपूर्ण अफगानिस्तान बनाने की दिशा में काम करने के इच्छुक

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्य के तौर पर दो साल का कार्यकाल शुरू होने और तालिबान प्रतिबंध समिति का अध्यक्ष बनने के सवाल पर प्रवक्ता ने कहा कि अस्थायी सदस्य के तौर पर भारत अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के जिम्मेदारी पूर्ण एवं समावेशी समाधान को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता से बंधा रहेगा। साथ ही बहुपक्षीय प्रणाली में सुधार और वसुधैव कुटुम्बकम की भावना के अनुरूप काम करेगा। अफगानिस्तान के सवाल पर उन्होंने कहा कि भारत शांतिपूर्ण, समृद्ध, संप्रभु, लोकतांत्रिक और एकजुट अफगानिस्तान बनाने की दिशा में काम करना चाहता है।

कोविड-19 वैक्सीन पर पड़ोसियों के साथ सहयोग भारत का दायित्व

वैक्सीन को लेकर एक सवाल के जवाब में अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'आप जानते हैं कि शुरुआत से ही कोविड-19 महामारी के खिलाफ साझा वैश्विक लड़ाई में भारत सबसे आगे रहा है। इस क्षेत्र में भारत अंतरराष्ट्रीय सहयोग चाहता है और खासतौर पर अपने पड़ोसियों के साथ वह इसे अपने दायित्व के तौर पर देखता है।'


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