चीन के 'ड्रोन सीमा लांघने' वाले आरोप का भारत ने दिया जवाब
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि प्रोटोकाल के अनुसार सीमा सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत ही अपने चीनी समकक्ष को सावधान कर दिया।
बीजिंग, पीटीआइ। सिक्किम सेक्टर में डोकलाम के पास भारतीय सेना का ड्रोन तकनीकी खामी के चलते नियंत्रण खो बैठा और चीन सीमा में दाखिल होने के बाद क्रैश हो गया। भारतीय अधिकारियों ने चीन को तुरंत ही इसकी सूचना दी, लेकिन बीजिंग ने भारत के सामने कूटनीतिक प्रतिरोध जताया है। उसने इसे चीनी क्षेत्र में घुसपैठ कहा है। चीन ने कहा कि यह ड्रोन उसकी वायु सीमा में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
दिल्ली में सूत्रों ने गुरुवार को कहा कि नाथु ला में भारतीय सुरक्षा बलों ने तुरंत ही चीन की सेना को हॉटलाइन से ड्रोन में तकनीकी खराबी और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) लांघ जाने की जानकारी दी थी।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि प्रोटोकाल के अनुसार सीमा सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत ही अपने चीनी समकक्ष को सावधान कर दिया। मंत्रालय ने कहा कि दुर्घटना के असली कारण का पता लगाया जा रहा है। यह जानकारी नहीं दी गई कि ड्रोन कब क्रैश हुआ, लेकिन सूत्रों ने बताया कि यह घटना करीब 10 दिनों पहले हुई है। यह घटना 11 दिसंबर को दिल्ली में होने जा रही रूस-भारत-चीन त्रिपक्षीय बैठक के कुछ ही दिनों पहले सामने आई है। बैठक में हिस्सा लेने के लिए चीन के विदेश मंत्री वांग यी नई दिल्ली आएंगे। इसका ध्यान रखते हुए भारत ने त्वरित रूप से सफाई दी है।
बीजिंग में चीन के रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय ड्रोन चीन की सीमा में क्रैश कर गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग शुआंग ने कहा, 'हाल ही में भारतीय ड्रोन चीन की वायुसीमा में आ गया और भारत-चीन सीमा के सिक्किम सेक्टर में क्रैश हो गया। चीनी जवानों ने पेशेवर व जिम्मेदार तरीका अपनाया और उसका परीक्षण किया।'
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने 1890 के चीन-ब्रिटिश समझौते की तरफ इशारा किया। उन्होंने कहा, 'मैं कहना चाहता हूं कि सिक्किम सेक्टर में भारत-चीन सीमा का निर्धारण हो चुका है।' डोकलाम में 73 दिनों तक चले गतिरोध के दौरान भी बीजिंग 1890 के ब्रिटिश-चीन समझौते का अक्सर उल्लेख करता था।
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