Move to Jagran APP

भारत की चीन को दो टूक- कश्मीर हमारा आंतरिक मामला, किसी को दखल देने की जरूरत नहीं

विदेश मंत्रालाय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि दुनिया के अन्य देशों को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने की कोई जरूरत नहीं है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Wed, 09 Oct 2019 07:08 PM (IST)Updated: Wed, 09 Oct 2019 09:58 PM (IST)
भारत की चीन को दो टूक- कश्मीर हमारा आंतरिक मामला, किसी को दखल देने की जरूरत नहीं
भारत की चीन को दो टूक- कश्मीर हमारा आंतरिक मामला, किसी को दखल देने की जरूरत नहीं

नई दिल्ली, जयप्रकाश रंजन। पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच दूसरी अनौपचारिक वार्ता को लेकर बना संशय खत्म हो गया है। लेकिन दोनों नेताओं की मुलाकात से ठीक पहले कश्मीर का पेंच फंसता दिखाई दे रहा है। भारत आने से पहले चिनफिंग की पाकिस्तान के पीएम इमरान खान से मुलाकात और उसमें कश्मीर पर चुभने वाला बयान और उस पर भारतीय विदेश मंत्रालय की तल्ख प्रतिक्रिया से साबित हो रहा है कि माहौल पूरी तरह सामान्य नहीं है।

loksabha election banner

कश्मीर पर भारत की दो टूक

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कश्मीर पर चीन के बयान पर स्पष्ट कहा, 'पीएम इमरान खान के साथ चिनफिंग की बातचीत में कश्मीर पर हुई चर्चा के बारे में हमें सूचना मिली है। भारत का इस बारे में स्पष्ट मत है कि कश्मीर हमारा आतंरिक मामला है। जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है जिसके बारे में चीन को भी बखूबी पता है। भारत के आंतरिक मामलों के बारे में दूसरे देशों को कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।'

चिनफिंग को मोदी देंगे जवाब

चीन कश्मीर के लद्दाख हिस्से को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले पर सबसे ज्यादा ऐतराज जता रहा है। रवीश कुमार ने कहा कि वैसे दोनों नेताओं की बातचीत में कश्मीर का मुद्दा भारत नहीं उठाएगा, लेकिन अगर राष्ट्रपति चिनफिंग चाहते हैं तो उन्हें कश्मीर के हाल के फैसले की वजह पीएम मोदी की तरफ से निश्चित तौर पर बताया जाएगा।

बड़े मुद्दों पर स्थायी समाधान की कोशिश

कश्मीर व लद्दाख के पेंच को छोड़ दिया जाए तो मोदी और चिनफिंग की कोशिश यही होगी कि द्विपक्षीय रिश्तों के बीच तनाव पैदा करने वाले जो बड़े मुद्दे है उनका स्थाई समाधान निकाला जाए। यही वजह है कि शीर्ष नेताओं के बीच होने वाली मुलाकात के साथ ही अलग से विदेश मंत्रियों और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की अलग-अलग बैठक होगी। सीमा पर तनाव घटाना और द्विपक्षीय कारोबार को लेकर आने वाली दिक्कतों को दूर करना वरीयता में सबसे ऊपर है।

कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के भारत के फैसले को देखते हुए यह बैठक ज्यादा अहम हो गई है। चीन कश्मीर को लेकर अभी भी स्पष्ट रुख अख्तियार नहीं कर रहा है। बुधवार को पीएम खान के साथ बातचीत में चिनफिंग ने एक तरफ कहा कि चीन कश्मीर पर पाकिस्तान की चिंताओं को समझता है और उसके साथ है। दूसरी तरफ चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में यह भी कहा गया कि कश्मीर समस्या का समाधान दोनों पक्षों को करना है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.