चीन के ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध बनाने से भारत की चिंता बढ़ी, अरुणाचल प्रदेश में बनेगा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट
भारत एक सुदूर पूर्वी राज्य में 10 गीगावाट (जीडब्ल्यू) हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट बनाने की योजना पर विचार कर रहा है। एक भारतीय अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि चीन ब्रह्मपुत्र नदी के एक हिस्से पर बांधों का निर्माण कर रहा है।
नई दिल्ली, रायटर। भारत ब्रह्मापुत्र नदी पर अरुणाचल प्रदेश में 10 गीगावाट की पनबिजली परियोजना लगाने की योजना बना रहा है। ब्रह्मापुत्र नदी के एक हिस्से पर चीन द्वारा बांध बनाने की खबरें मिलने के बाद भारत की यह प्रतिक्रिया सामने आई है। ब्रह्मापुत्र नदी को चीन में यारलुंग त्सांगबो के नाम से जाना जाता है। यह तिब्बत से निकलकर भारतीय राज्यों- अरुणाचल प्रदेश और असम होते हुए बांग्लादेश तक चली जाती है। भारतीय अधिकारियों को डर है कि चीन द्वारा इस पर बांध बनाने से भारतीय इलाके में बाढ़ आ सकती है या पानी का संकट उत्पन्न हो सकता है। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैन्य गतिरोध के चलते दोनों देशों के कूटनीतिक संबंध फिलहाल अच्छे नहीं हैं।
भारत भी बड़ी जल भंडारण क्षमता का निर्माण करेगा
केंद्रीय जल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी टीएस मेहरा ने बताया कि चीन द्वारा बांध बनाए जाने से उत्पन्न प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिए भारत को भी अरुणाचल प्रदेश में एक बड़ा बांध बनाना पड़ेगा। सरकार में उच्च स्तर के सामने हमारा प्रस्ताव विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि चीनी बांध का मुकाबला करने के लिए भारत भी बड़ी जल भंडारण क्षमता का निर्माण करेगा। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि चीन द्वारा ब्रह्मापुत्र पर बनाया जाने वाला बांध दोनों देशों के बीच विवाद का एक और कारण बन सकता है, क्योंकि चीनी बांध भारतीय सीमा के निकट होगा। भारत-चीन मामलों के विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी कहते हैं, हिमालय में भारत चीन की क्षेत्रीय आक्रामकता का सामना कर रहा है। चीन दूसरी ओर से समुद्री अतिक्रमण कर रहा है। अब बांध बनाए जाने की खबर से लगता है कि दोनों देशों के बीच पानी को लेकर संघर्ष हो सकता है।
चीनी बांध से भारत में बाढ़ या पानी के संकट की आशंका
एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से चीन के सरकारी मीडिया ने खबर दी थी कि चीन ब्रह्मापुत्र नदी के एक हिस्से पर 60 गीगावाट की पनबिजली परियोजना लगाने की योजना बना रहा है। एक औद्योगिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए चीनी बिजली निर्माण निगम के अध्यक्ष यान झियांग ने कहा था कि ब्रह्मापुत्र पर बांध बनाना एक ऐतिहासिक अवसर है। मेहरा ने कहा कि औपचारिक रूप से हमने चीनी पक्ष से कहा है कि उनकी किसी परियोजना का भारत पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए। उन्होंने इसको लेकर हमें आश्वासन भी दिया है। लेकिन, हमें नहीं मालूम कि वे कब तक अपने आश्वासन पर कायम रहेंगे।