UN में चीन के ना 'पाक' प्रेम पर भारत ने जताई नाराजगी
मुंबई हमले के मास्टरमाइंड जकी उर रहमान लखवी को सजा दिलाने पर पाक को घेरने की कोशिशों पर चीन की वजह से पानी फिरने से नाराज भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। भारत ने उच्च स्तर पर चीन को यह बता दिया है कि उसका यह रवैया आतंक के
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मुंबई हमले के मास्टरमाइंड जकी उर रहमान लखवी को सजा दिलाने पर पाक को घेरने की कोशिशों पर चीन की वजह से पानी फिरने से नाराज भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। भारत ने उच्च स्तर पर चीन को यह बता दिया है कि उसका यह रवैया आतंक के खिलाफ उसके वादों के अनुकूल नहीं है।
पिछले कुछ हफ्तों में यह दूसरा मौका है जब भारत ने चीन और पाकिस्तान के बीच प्रगाढ़ हो रहे रिश्तों को लेकर खुलेआम नाराजगी जताई है। पिछले महीने चीन यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन की तरफ से पाक अधिकृत कश्मीर में सड़क निर्माण योजना का विरोध किया था।विदेश मंत्रालय की तरफ से ट्वीट के जरिए ये जानकारी दी गई है कि भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र के तहत उक्त समिति के सदस्य हर देश से अपनी चिंता को व्यक्त किया है कि लखवी के मामले में नियमों का उल्लंघन किया गया है। चीन से तो उच्च स्तर पर अपनी चिंता जताई गई है।
माना जा रहा है कि बीजिंग स्थित भारतीय राजदूत ने इस मामले को चीन के विदेश मंत्रालय के समक्ष रखा है। चीन को यह बताया गया है कि कम से कम आतंकवाद से जुड़े मामलों पर वह पाकिस्तान के सुर में सुर न मिलाये।
खासतौर पर चीन ने जिस तरह से लखवी के मामले में पाकिस्तान के दावे को स्वीकार किया है उससे उसने भारत ही नहीं बल्कि अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और रूस की चिंताओं को भी खारिज किया है। सनद रहे कि ये सभी देश पाकिस्तान में लखवी व मुंबई हमले के अन्य दोषियों के खिलाफ ढीली कानूनी कार्यवाही को लेकर पहले ही चिंता जता चुके हैं।
जानकार बताते हैं कि भारत चीन व पाक के बीच बढ़ती दोस्ती को लेकर चिंतित है लेकिन अब वह खुलेआम इस चिंता को जाहिर करने लगा है। यह भी सच्चाई है कि इन दोनों देशों के बीच बढ़ते आर्थिक संबंधों को लेकर वह कुछ नहीं कर सकता। इसलिए आतंक का मुद्दा ही एक ऐसा मुद्दा है जहां भारत चीन को घेरने की कोशिश कर सकता है। यही वजह है कि पीएम मोदी ने पिछले महीने की अपनी चीन यात्रा दौरान आतंकवाद का मुद्दा कई बार उठाया था।