पूर्वी लद्दाख में सैनिकों के पीछे हटने से हो सकती है शांति बहाली, चीन के साथ गतिरोध पर बोला भारत
पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध पर भारत ने गुरुवार को कहा कि संघर्ष के शेष क्षेत्रों से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया जल्द पूरी करने से ही सीमावर्ती इलाकों में पूर्ण रूप से शांति बहाली सुनिश्चित की जा सकती है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध पर भारत ने गुरुवार को कहा कि संघर्ष के शेष क्षेत्रों से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया जल्द पूरी करने से ही सीमावर्ती इलाकों में पूर्ण रूप से शांति बहाली सुनिश्चित की जा सकती है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि सैनिकों के जल्द पीछे हटने से ही द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति सुनिश्चित की जा सकती है।
गौरतलब है कि पिछले महीने भारत और चीन के बीच डिजिटल माध्यम से सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की बैठक हुई। दोनों पक्ष टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों की पूर्ण वापसी के लिए अगले दौर की बातचीत जल्द करने पर सहमत हुए।
दलाई लामा को सम्मानित अतिथि मानने की रही है भारत की नीति
दलाई लामा को लेकर बागची ने कहा, भारत सरकार की एक धाíमक नेता के तौर पर दलाई लामा को सम्मानित मेहमान मानने की एक समान नीति रही है। उनके भारत में बड़ी संख्या में अनुयायी हैं। बागची ने यह जवाब दो दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तिब्बती आध्यात्मिक नेता को उनकी जन्मतिथि पर बधाई देने को लेकर पूछे गए एक सवाल पर दिया। उन्होंने कहा, दलाई लामा की जन्मतिथि उनके कई अनुयायी भारत और दुनिया में मनाते हैं।
अफगानिस्तान में खराब होते सुरक्षा हालात पर भारत की नजर
बागची ने कहा कि अफगानिस्तान में खराब होते सुरक्षा हालात और भारतीय नागरिकों पर इसके असर की भारत सावधानी पूर्वक निगरानी कर रहा है। इसको लेकर हमारा जवाब परिस्थितियों के अनुरूप होगा। बागची ने कहा कि तेहरान में विदेश मंत्री एस जयशंकर और ईरानी नेताओं के बीच बातचीत के दौरान अफगानिस्तान के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। दोनों पक्षों ने इसकी खराब होती सुरक्षा स्थिति पर चिंता जाहिर की।