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भारत को अगले 20 साल में 2100 यात्री विमानों की जरूरत

बोईंग ने सोमवार को वर्तमान एविएशन बाजार के परिदृश्य की एक रिपोर्ट प्रस्तुत की।

By Manish NegiEdited By: Published: Mon, 31 Jul 2017 08:28 PM (IST)Updated: Mon, 31 Jul 2017 08:28 PM (IST)
भारत को अगले 20 साल में 2100 यात्री विमानों की जरूरत
भारत को अगले 20 साल में 2100 यात्री विमानों की जरूरत

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भारत अगले दो दशकों में 290 अरब डालर की कीमत के 2100 विमान खरीदेगा। विमान बनाने वाली अमेरिकी कंपनी बोईंग ने भारत के लिए यह अब तक का सर्वाधिक अनुमान लगाया है। भारत का हिस्सा पूरी दुनिया में खरीदे जाने वाले विमानों का 5.1 फीसद होगा।

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बोईंग ने सोमवार को वर्तमान एविएशन बाजार के परिदृश्य की एक रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसके मुताबिक पूरी दुनिया में अगले बीस साल में 41,030 विमानों की मांग आएगी। कंपनी के मुताबिक भारत को जितने विमानों की आवश्यकता होगी उसमें 85 फीसद नए जहाज छोटे और सस्ते किराये वाली विमान कंपनियों की तरफ से आएगी। ये कंपनियां कुल उड़ानों का 60 फीसद संचालित करती हैं। बोईंग कमर्शियल एयरप्लेन के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट एशिया पेसिफिक एंड इंडिया सेल्स दिनेश केसकर ने बताया कि रूपये की मजबूती, सस्ते ईंधन और घरेलू विमानन क्षेत्र में बढ़ती यात्रियों की संख्या भारतीय एविएशन उद्योग की तेज रफ्तार की वजह बन रही है।

बोईंग ने उम्मीद जताई है कि आने वाले समय में सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम का लाभ भी उसे मिलेगा। इस स्कीम के पूरी तरह लागू हो जाने के बाद जब इन मार्गो पर यात्रियों की संख्या में इजाफा होगा तब 70 सीट वाले छोटे विमानों की जगह बोईंग 737 जैसे बड़े विमान ले लेंगे। रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम में नए मार्ग भी शामिल होंगे जिससे इसका विस्तार होगा। अगले चार पांच साल में इन मार्गो पर यात्रियों की संख्या में होने वाला इजाफा बोईंग 737 को व्यावहारिक बना देगा। केसकर ने कहा कि बोईंग को उम्मीद है कि अगर यह स्कीम सफल होती है तो उसका सबसे बड़ा लाभ उन्हें होगा। दक्षिण एशिया में यात्रियों की संख्या में आठ फीसद की दर से वृद्धि का अनुमान लगाया जा रहा है जबकि चीन में यह दर 6.2 फीसद रहेगी।

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