Defense Sector: रक्षा क्षेत्र में निर्यात की ओर बढ़ते भारत के कदम, एक्सपर्ट व्यू
Defense Sector रक्षा उत्पादन और निर्यात संवर्धन नीति 2020 ने अन्य बातों के साथ रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को निर्यात से अपने राजस्व का कम से कम 25 प्रतिशत प्राप्त करने के लिए निर्यात को बढ़ावा दिया है।
पवन चौरसिया। हथियारों के मामले में भारत की गिनती दुनिया के सबसे बड़े आयातक देशों में की जाती थी। सवाल उठाए जाते थे कि सैटेलाइट से लेकर साफ्टवेयर तक बनाने वाला इतना बड़ा देश अपने लिए हथियार क्यों नहीं बना पाता है? प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सत्ता संभालते ही इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए वर्ष 2014 में ही ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम की शुरुआत की जिससे भारत में अन्य वस्तुओं के साथ साथ हथियार बनाने को भी प्रोत्साहन मिले और उनके प्रयासों के सुपरिणाम दिखाई देने लगे हैं।
वैश्विक हथियारों के निर्यात में भारत की हिस्सेदारी
स्टाकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) की 2021 की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2011-2015 और 2016-2020 के बीच भारत के हथियारों के आयात में एक तिहाई (लगभग 33 प्रतिशत) की कमी आई है। वर्ष 2016-20 के दौरान वैश्विक हथियारों के निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 0.2 प्रतिशत थी, जिससे देश प्रमुख हथियारों का दुनिया का 24वां सबसे बड़ा निर्यातक बन गया। यह 2011-15 की पिछली पांच वर्षों की अवधि के दौरान भारत के निर्यात हिस्से (0.1 प्रतिशत) की तुलना में 200 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि को दर्शाता है।
पांच साल के रक्षा निर्यात लक्ष्य की ओर अग्रसर
वित्त वर्ष 2011-22 के दौरान रक्षा निर्यात लगभग 13 हजार करोड़ के सर्वकालिक उच्च स्तर पर है। इसमें निजी क्षेत्र का हिस्सा लगभग 70 प्रतिशत है, जो यह दर्शाता है कि हमारी निजी कंपनियां भी अब अपने आप को विश्व रक्षा व्यापार क्षेत्र में एक बड़े नाम के रूप में उभरने को तैयार हो रही हैं। रक्षा मंत्रालय वास्तव में मानव रहित प्रणालियों, रोबोटिक्स आदि के क्षेत्र में 75 वस्तुओं को लांच करने की तैयारी कर रहा है, ताकि भारत को 2020 में प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित 35 हजार करोड़ रुपये के पांच साल के रक्षा निर्यात लक्ष्य की ओर अग्रसर किया जा सके।
क्रेडिट लाइन के निर्माण का समर्थन
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 के बाद मोदी सरकार द्वारा एक अलग रक्षा निर्यात रणनीति तैयार की गई, जो मोटे तौर पर निर्यात प्रोत्साहन या सुविधा व निर्यात विनियमन पर केंद्रित थी। विदेश मंत्रालय को भारतीय रक्षा उत्पादों को आयात करने के लिए देशों के लिए क्रेडिट लाइन के निर्माण का समर्थन करने का काम सौंपा गया और जहां संभव हो वहां रक्षा निर्यात के वित्त पोषण ले लिए एक्जिम बैंक को काम पर लगाया गया। इसके अतिरिक्त विदेशों में भारतीय मिशनों में रक्षा संलग्न को भारतीय निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए अधिकृत किया गया है।
रक्षा उत्पादन और निर्यात संवर्धन नीति 2020 ने अन्य बातों के साथ रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को निर्यात से अपने राजस्व का कम से कम 25 प्रतिशत प्राप्त करने के लिए निर्यात को बढ़ावा दिया है, जिसमें 2025 तक भारत के रक्षा उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए डिफेंस एक्सपो और एयरो इंडिया का लाभ उठाना शामिल है।
[शोधार्थी, स्कूल आफ इंटरनेशनल स्टडीज, जेएनयू]