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इंटॉलरेंस गैंग को करारा जवाब, सहिष्णुता में रूस, अमेरिका, फ्रांस और जापान से काफी आगे भारत

53 फीसद भारतीय मानते हैं कि अलग पृष्ठभूमि, संस्कृति और विचारों के लोगों के बीच घुलने मिलने से आपसी समझ और सम्मान बढ़ते हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 26 Apr 2018 08:50 AM (IST)Updated: Thu, 26 Apr 2018 03:33 PM (IST)
इंटॉलरेंस गैंग को करारा जवाब, सहिष्णुता में रूस, अमेरिका, फ्रांस और जापान से काफी आगे भारत

नई दिल्ली [जेएनएन]। कुछ दिनों पहले देश में सहिष्णुता बनाम असहिष्णुता की बहस जोरों पर थी। हर कोई यह मानकर चल रहा था कि देश में लोग दिनोंदिन ज्यादा असहिष्णु होते जा रहे हैं। समाज बंट रहा है। लोगों की इस सोच के इतर सामाजिक समरसता की तस्वीर पेश करती यह अच्छी खबर है।

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27 देशों में इप्सोस मोरी द्वारा किए एक अध्ययन के अनुसार भारत चौथा सबसे सहिष्णु देश है। देश के 63 फीसद लोग मानते हैं कि यहां एक-दूसरे के प्रति लोग बहुत सहिष्णु हैं। कनाडा सूची में शीर्ष पर जबकि हंगरी सबसे नीचे है।

ऐसे हुआ अध्ययन
इप्सोस मोरी ने 27 देशों में 20 हजार लोगों से बातचीत की। इस बातचीत में उसने लोगों से पूछा कि उनका समाज, देश कितना बंटा हुआ है।

कहां खड़े हैं हम
सबसे सहिष्णु देशों की सूची में हम चौथे स्थान पर हैं। 63 फीसद भारतीय मानते हैं कि अलग पृष्ठभूमि, संस्कृति और विचारों के प्रति यहां के लोग बहुत सहिष्णु हैं।

हंगरी सबसे असहिष्णु
27 देशों के अध्ययन में हंगरी को सबसे असहिष्णु पाया गया। यहां सिर्फ 16 फीसद लोगों ने माना कि उनका देश सहिष्णु है। कनाडा में सर्वाधिक 74 फीसद लोग की ये राय है।

समाज में तनाव की वजह
विश्व में राजनीतिक विचारों में मतभेद तनाव की बड़ी वजह है। अमीर और गरीब का अंतर दूसरी और देश के मूल निवासी व प्रवासियों के मध्य मतभेद तीसरी सबसे बड़ी वजह है। भारत के 49 फीसद लोग मानते हैं कि राजनीतिक विचारों में भिन्नता तनाव की वजह है। 48 फीसद अलग-अलग धर्मों और 37 फीसद सामाजिक-आर्थिक हैसियत के अंतर को इसका कारण मानते हैं।

अपनाने की संस्कृति
53 फीसद भारतीय मानते हैं कि अलग पृष्ठभूमि, संस्कृति और विचारों के लोगों के बीच घुलने मिलने से आपसी समझ और सम्मान बढ़ते हैं। 


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