बाल विवाह रोकने में अग्रणी रहा भारत, 10 साल में 50% कम हुईं नाबालिग लड़कियों की शादी
यूनिसेफ के मुताबिक दुनियाभर में बाल विवाह में भारी कमी दर्ज हुई है और भारत इसमें अग्रणी रहा है। बीते दस वर्षों में दुनियाभर में 2.5 करोड़ बाल विवाह रोके गए।
नई दिल्ली (जेएनएन)। आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से पूर्व एक सुखद रिपोर्ट सामने आई है। संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनिसेफ के मुताबिक दुनियाभर में बाल विवाह में भारी कमी दर्ज हुई है और भारत इसमें अग्रणी रहा है। बीते दस वर्षों में दुनियाभर में 2.5 करोड़ बाल विवाह रोके गए। एक दशक पहले के मुकाबले भारत में नाबालिग लड़कियों के विवाह में 50 फीसद से अधिक गिरावट हुई है, जो दुनिया में सर्वाधिक है। हालांकि अब भी भारत समेत दुनिया के कई देशों को बाल विवाह को पूरी तरह खत्म करने के लिए लंबी लड़ाई लड़नी है। संयुक्त राष्ट्र ने सतत विकास लक्ष्यों के तहत इस कुप्रथा को 2030 तक पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य रखा है।
अब भी चुनौतिपूर्ण हैं हालात
दुनिया की कुल किशोर आबादी में से 20 फीसद भारत में रहती है। देश के बड़े क्षेत्रफल और बड़ी आबादी के चलते दक्षिण एशिया में सर्वाधिक बाल विवाह भी यहीं दर्ज होते हैं। वर्तमान में यहां बाल विवाह में धकेली गई लड़कियों की संख्या 8.52 करोड़ है, जो कि दुनिया की कुल बालिका वधुओं की संख्या का 33 फीसद यानी एक तिहाई है।
बाल विवाह के चलते लड़कियों का स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन खतरे में पड़ जाता है। इसके कारण पीढ़ी दर पीढ़ी गरीबी की आशंका बढ़ती है। एक नाबालिग लड़की की जिंदगी पर बाल विवाह के चलते जो दुष्प्रभाव पड़ते हैं, उन्हें देखते हुए बाल विवाह के आंकड़ों में आई कमी सराहनीय है, लेकिन अभी लंबा रास्ता तय करना है।
अंजू मल्होत्रा, प्रमुख जेंडर, सलाहकार, यूनिसेफ
कड़े कानूनों ने बदले हालात
- देश में यह सुधार तमाम सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं के सजग प्रयासों और कड़े कानूनों की बदौलत आया है।
- देश के बाल विवाह निषेध कानून के अंतर्गत नाबालिग बच्चों के विवाह की कोशिश करने वाले अभिभावकों पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना और दो साल की जेल का प्रावधान है।
- बीते साल सुप्रीम कोर्ट ने एतिहासिक फैसले में कहा कि नाबालिग पत्नी से यौन संबंध दुष्कर्म माना जाएगा।
- तेलंगाना में विवाह स्थल की सजावट करने वालों और विवाह कराने वाले पंडितों को बाल विवाह रोकने के अभियान में शामिल किया गया। इससे वहां काफी सुधार हुआ।
सर्वाधिक सुधार भारत में
भारत में भले ही अब भी बड़ी संख्या में बाल विवाह हो रहे हैं, लेकिन पिछले एक दशक के मुकाबले इसमें बड़ी गिरावट हुई है। देश के 2006 और 2016 के स्वास्थ्य सर्वेक्षण और 2011 की जनगणना के आधार पर तय की गई इस रिपोर्ट में सामने आया कि इस दौरान विवाहित नाबालिग लड़कियों की संख्या 47 फीसद से घटकर 27 फीसद रह गई है। यह अंतर काफी बड़ा है। देश में बाल विवाह में आई कमी से वैश्विक बाल विवाह के आंकड़ों में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है।