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कोरोना वैक्सीन के दोबारा निर्यात शुरू करने पर हो रहा विचार, अफ्रीकी देशों की मदद को इच्छुक भारत

कोरोना महामारी की दूसरे लहर में संक्रमण के मामले बढ़ने पर अप्रैल में कोविड-19 वैक्सीन के निर्यात पर रोक लगा दी गई थी जिसे दोबारा शुरू करने को लेकर भारत विचार कर रहा है। कोरोना वैक्सीन के साथ ही वैक्सीनेशन में भी भारत अफ्रीकी देशों की मदद का इच्छुक है।

By Monika MinalEdited By: Published: Wed, 15 Sep 2021 11:35 PM (IST)Updated: Wed, 15 Sep 2021 11:35 PM (IST)
कोरोना वैक्सीन के दोबारा निर्यात शुरू करने  पर हो रहा विचार, अफ्रीकी देशों की मदद को इच्छुक भारत
अप्रैल में वैक्सीन के निर्यात पर लगा दी गई थी रोक

नई दिल्ली, रायटर।  भारत जल्द ही कोरोना रोधी वैक्सीन का निर्यात दोबारा शुरू करने पर विचार कर रहा है। खासतौर पर अफ्रीकी देशों को। इसकी मुख्य वजह यह है कि भारत में ज्यादातर वयस्क लोगों को वैक्सीन की कम से कम एक डोज दे दी गई है और वैक्सीन की आपूर्ति भी बढ़ गई है। भारत ने इस साल के अंत तक सभी वयस्कों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा है। अनुमान के मुताबिक 18 साल से अधिक उम्र के लोगों की संख्या 94.4 करोड़ है। इनमें से 61 फीसद को वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है।

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औपचारिक घोषणा का इंतजार

वर्तमान में  औसतन 70 लाख कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है। बता दें कि  वैक्सीन की भी अब कोई समस्या नहीं रह गई है। वैक्सीन निर्यात शुरू करने की चर्चा ऐसे समय में शुरू हुई है जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी क्वाड देशों के नेताओं की बैठक में शामिल होने के लिए अगले हफ्ते अमेरिका जाने वाले हैं। क्वाड के सदस्य देशों में भारत के अलावा अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक वैक्सीन निर्यात शुरू करने का फैसला लिया जा चुका है, बस उसकी औपचारिक घोषणा या शुरुआत होनी बाकी है।

अफ्रीकी देशों की मदद करना चाहता है भारत 

भारत खासकर अफ्रीकी देशों की टीके के साथ ही टीकाकरण कार्यक्रम में भी मदद करना चाहता है। भारत ने देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बाद अप्रैल में वैक्सीन निर्यात पर रोक लगा थी। दवा, वैक्सीन उत्पादन में भारत पूर्वी एशियाई देशों से सहयोग को तैयार समाचार एजेंसी प्रेट्र की रिपोर्ट के मुताबिक वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने बुधवार को कहा कि भारत दवा और वैक्सीन उत्पादन के क्षेत्र में पूर्वी एशियाई देशों के साथ सहयोग के लिए तैयार है। वह नौवें ईएएस-ईएमएम (पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन-आर्थिक मंत्रियों की बैठक) को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि दुनिया में तब तक कोई सुरक्षित नहीं है जब तक सभी सुरक्षित नहीं हैं।


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