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चीन से आयात किए जाने वाले 8000 से अधिक आइटमों की घरेलू मैन्युफैक्चरिंग की तैयारी में भारत

चीन से आयात होने वाले छोटे--छोटे आइटम देश में ही तैयार करने तैयारी चल रही है। इस काम में एमएसएमई ([बिलकुल छोटे लघु और मझोले उद्योग)] मंत्रालय की मदद ली जाएगी।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 05:22 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2020 05:22 PM (IST)
चीन से आयात किए जाने वाले 8000 से अधिक आइटमों की घरेलू मैन्युफैक्चरिंग की तैयारी में भारत
चीन से आयात किए जाने वाले 8000 से अधिक आइटमों की घरेलू मैन्युफैक्चरिंग की तैयारी में भारत

नई दिल्ली ([ब्यूरो)]। चीन से आयात होने वाले छोटे--छोटे आइटम देश में ही तैयार करने तैयारी चल रही है। इस काम में एमएसएमई ([बिलकुल छोटे, लघु और मझोले उद्योग)] मंत्रालय की मदद ली जाएगी। उद्यमियों का भी मानना है कि ऐसी पहल के जरिये चीन से आयात में कमी लाई जा सकेगी।

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मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक भारत चीन से 8,000 से अधिक आइटम का आयात करता है। चीन से आने वाले कई ऐसे आइटम हैं, जिनकी मैन्युफैक्चरिंग भारत में आसानी से की जा सकती है, लेकिन उद्यमियों की तरफ से सार्थक कोशिश नहीं की गई। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक चीन से आने वाले छोटे आइटम चिन्हित किए जा रहे हैं। इन वस्तुओं का उत्पादन भारत में शुरू करवाने के लिए मशीन की खरीदारी एवं फिनिशिंग में चीन के समतुल्य लाने के लिए ऑटोमेशन में उद्यमियों की मदद सरकार की तरफ से की जा सकती है।

सूत्रों के मुताबिक अभी उद्यमियों की मदद की योजना पर विचार किया जा रहा है। विशेषषज्ञों के मुताबिक फिनिश्ड प्रोडक्ट के लिए चीन पर निर्भरता खत्म करने के लिए भारत में ही पूरी सप्लाई चेन स्थापित करनी होगी। सप्लाई चेन के तहत सैक़़डों छोटे--छोटे आइटम हैं, जिनकी थोक कीमत एक रपए से कम होती है। एमएसएमई मंत्रालय की मदद से ऐसे उत्पादों की मैन्युफैक्चरिंग शुरू होने से भारी संख्या में रोजगार भी पैदा होंगे।

मामूली ब्रश भी नहीं बनाते हम 

कॉस्मेटिक्स मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े उद्यमियों ने बताया कि लिपस्टिक और सिंदूर के साथ ब्रश जैसे छोटे आइटम लगाए जाते हैं, ताकि उनके इस्तेमाल में सहूलियत हो। इस एक ब्रश की कीमत 10--15 पैसे होती है। वैसे महिलाएं आई--लाइनर के साथ जो ब्रश इस्तेमाल करती हैं, वह भी चीन से ही आता है। चीन से मंगवाने पर इसकी कीमत 28--30 पैसे प्रति यूनिट बैठती है।

ट्रिगर पंप तक का आयात चीन से उद्यमियों ने बताया कि भारत सैनिटाइजर के ट्रिगर पंप तक का आयात चीन से कर रहा है। उद्यमियों के मुताबिक चीन में सात रपये में बिकने वाला ट्रिगर पंप भारत 30 रपये तक में आयात कर रहा है।

उद्यमियों का कहना है कि कई ऐसे केमिकल हैं, जिसका उत्पादन भारत में होता ही नहीं है, जबकि उनके बिना कई कॉस्मेटिक आइटम का उत्पादन संभव नहीं है। यह स्थिति पलटनी चाहिए। तभी भारत आत्मनिर्भर बन पाएगा। इसी के साथ सरकार को ऐसे आइटमों का उत्पादन करने वालों को प्रोत्साहन देना चाहिए जिससे वो इस तरह के कामों को करने में रूचि के साथ आगे आएं।


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