जानिये किसने कहा, भारत में विदेशी रिश्वत पर रोक लगाने का तंत्र नहीं
भ्रष्टाचार विरोधी संगठन ने निजी क्षेत्र में मुखबिरों की सुरक्षा के लिए प्रभावी कानून लागू करने को कहा है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत उन चार देशों में शामिल है जहां विदेशी रिश्वत पर रोक लगाने के लिए कोई तंत्र मौजूद नहीं है। भ्रष्टाचार विरोधी संगठन ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने बुधवार को जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।
इटली के फर्म अगस्ता वेस्टलैंड के 12 हेलीकॉप्टरों सौदे सहित विदेशी फर्मो द्वारा कथित रिश्वत के मामलों का उदाहरण देते हुए टांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने भारत से विदेशी रिश्वत को आपराधिक बनाने के लिए कहा है। इसके साथ भ्रष्टाचार विरोधी संगठन ने निजी क्षेत्र में मुखबिरों की सुरक्षा के लिए प्रभावी कानून लागू करने को कहा है।
'एक्सपोर्टिग करप्शन रिपोर्ट' के 2018 संस्करण में कहा गया है, 'यदि चीन, हांगकांग, भारत और सिंगापुर कारोबार करने के लिए कड़ा अंतरराष्ट्रीय मानक लागू नहीं करते हैं तो जिन देशों ने इसे लागू कर रखा है वहां के प्रतिस्पर्द्धी खुद को वंचित समझेंगे। इससे प्रवर्तन में कमी और विश्व बाजार में अस्थिरता आ सकती है।' प्रवर्तन का वर्गीकरण 2014-17 की अवधि में देशों की प्रवर्तन कार्रवाई कन्वेंशन पर आधारित है।