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पहली महिला सीरियल किलर: मंदिर में बांटती थी मौत का प्रसाद, जेब में सायनाइड रखने वाली लेडी की डरावनी कहानी

Indias first female serial killer कर्नाटक की रहने वाली केडी केमपम्मा नाम की महिला भारत की पहली महिला सीरियल किलर है। उसके अमीर बनने के ख्वाबों ने उसे मौत की सौदागर बना दिया। उसे सायनाइड मलिका के नाम से जाना जाता है। (जागरण ग्राफिक्स)

By Preeti GuptaEdited By: Preeti GuptaPublished: Thu, 08 Jun 2023 02:42 PM (IST)Updated: Fri, 09 Jun 2023 07:36 AM (IST)
पहली महिला सीरियल किलर: मंदिर में बांटती थी मौत का प्रसाद, जेब में सायनाइड रखने वाली लेडी की डरावनी कहानी
अमीर बनने के ख्वाबों ने बनाया सीरियल किलर

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। India's first female serial killer: देश में आए दिन निर्मम तरीके से हत्या करने की घटनाएं बढ़ रही हैं। पहले दिल्ली में हुए श्रद्धा वालकर हत्याकांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। वहीं, अब मुंबई में भी ऐसा ही मामला देखने को मिला है। मीरा भायंदर इलाके में एक शख्स ने अपनी लिव इन पार्टनर का बेरहमी से हत्या की।

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फिर उसने युवती की लाश को धारदार हथियार से कई टुकड़ों में काट दिया। इतना ही नहीं दरिंदे ने लाश से बदबू को मिटाने के लिए टुकड़ों को कुकर में उबाल दिया। लेकिन, इन निर्मम हत्याओं में केवल पुरुष ही शामिल नहीं है, बल्कि कुछ महिलाएं भी सीरियल किलिंग की दुनिया में मौत का दूसरा नाम बन चुकी हैं। ऐसा ही एक नाम था केडी केमपम्मा का। यह खुद एक महिला हो कर महिलाओं की मौत की सौदागर बन गई थी।

मंदिर को बनाया मौत का अड्डा

केडी केमपम्मा नाम की महिला की आंखों में केवल दिन-रात अमीर बनने का ख्वाब था। आंखों में अमीरी के सपनों ने इस महिला को भारत की पहली महिला सीरियल किलर बना दिया था। इस महिला ने केवल अमीर महिलाओं को अपना निशाना बनाया था।

यह इतनी चालाकी से हत्याओं को अंजाम देती थी कि उसने आठ सालों में 6 महिलाओं की हत्या कर दी थी और किसी को भी इसके बारे में कोई सुराग नहीं मिल पा रहा था।  केडी केमपम्मा नाम की महिला ने इंसान तो छोड़ो भगवान को भी नहीं छोड़ा था। यह भगवान के चरणों में ही सीरियल किलिंग करती थी।

क्यों कहा जाता था सायनाइड मलिका?

कर्नाटक की रहने वाली और भारत की पहली महिला सीरियल किलर को सायनाइड मलिका के नाम से जाना जाता है। इसका यह नाम यूं ही नहीं पड़ा बल्कि इसके क्रूर कृत्य के कारण केमपम्मा को सायनाइड मलिका कहा जाता है क्योंकि यह सायनाइड मिलाकर ही हत्याओं को अंजाम देती थी। आज से 25 साल पहले सायनाइड मलिका ने पूरे बेंगलुरु में हड़कंप मचा दिया था। महिलाओं को घरों से बाहर जाने में भी डर लगने लगा था। वह सोचती थी कि कहीं अगला निशाना वो न बन जाए।

दुखी परेशान महिलाओं को बनाया निशाना

कर्नाटक की रहने वाली सायनाइड मलिका बेंगलुरु के एक मंदिर में रहती थी और इसने मंदिर को ही अपने पापों का घर बना लिया था। ये मंदिर में आने वाली अमीर महिलाओं को अपना निशाना बनाती थी। यह खुद को भगवान की सबसे बड़ी भक्त बताती थी। केमपम्मा ये भी दावा करती थी कि मंदिर ले जाकर ये महिलाओं के सारे दुख-दर्द दूर कर देगी।

यह उन महिलाओं को अपना निशाना बनाती थी जो घर-परिवार, नौकरी और बच्चा न होने से दुखी थीं। ऐसी महिलाएं अक्सर जाल में फंस जाती हैं। सायनाइड मलिका महिलाओं को विश्वास दिलाती थी कि उसके पास वो साधना है जिसकी बदौलत वो उनकी जिंदगी में सुख ला देगी। उसके ऐसे चमत्कारिक दावों के कारण महिलाएं आसानी से उसकी शिकार बन जाती थी।

दुखों को दूर करने का दावा और फिर...

अब शुरू होता है सीरियल किलिंग का सिलसिला। आंखों में अमीरी के ख्वाब और सामने हैं दुखी अमीर महिलाएं। ये उन महिलाओं की तरह अमीर बनना चाहती थी और यहीं से इसके शातिर दिमाग में एक ऐसे खौफनाक अपराध ने जन्म लिया जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। यह महिला जितनी शातिर थी उससे कहीं ज्यादा इसके प्लान शातिर होते थे। ये मंदिर में आने वाली अमीर महिलाओं से मिलती जुलती और उनके दुखों के बारे में जानती।

ये उन्हें भगवान के चमत्कार की कहानियां सुनाती और उन्हें अपने झांसे में लेकर उनके कष्टों को दूर करने की बात करती। दुखी महिलाएं इस फरेबी महिला के झांसे में आ जाती थी। यह उन्हें एक खास अनुष्ठान के लिए सुनसान जगह पर बुलाती। वहीं, महिलाओं को पूरे गहनों को पहनकर आने के लिए कहती थी। यह अनुष्ठान के लिए ये या तो एकदम सुबह का वक्त चुनती या फिर रात का समय चुनती थी। जिससे किसी को भी इस पर शक न हो।

प्रसाद में मिलाकर देती थी सायनाइड

महिलाओं को विश्वास दिलाने के लिए यह पहले मंदिर में पूजा-पाठ करती फिर उन्हें सुनसान जगह पर ले जाती थी। वहां ले जाने के बाद यह अनुष्ठान करती फिर महिला को आंख बंद करने के लिए कहती। इस दौरान ये महिला के प्रसाद में सायनाइड मिलाती और फिर उस महिला को दे देती। सायनाइड मिले हुए प्रसाद को खाने के बाद मौके पर ही महिला की ही मौत हो जाती थी। उसके बाद यह महिला के शव पर पहने हुए एक-एक गहनों और पैसों को लेकर फरार हो जाती थी

 ममता राजन को बनाया अपना पहला निशाना

सायनाइड मलिका ने साल 1999 में बेंगलुरु की रहने वाली ममता राजन को अपना पहला निशाना बनाया था। महिला से चिकनी चुपड़ी बातें की और दुखों को कम करने के नाम पर फरेब धार्मिक अनुष्ठान किया और प्रसाद में सायनाइड मिलाकर उसकी हत्या कर दी। इसी साल ने इसने 5 अमीर महिलाओं की हत्या कर दी थी।

कर्नाटक की महिलाएं खौफ में रहने लगी थी क्योंकि आए दिन अखबारों में अमीर महिलाओं की मौत की खबरें छपती, लेकिन कातिल कौन है ये बेनकाब नहीं हो रहा था। लेकिन, फिर उसने अपना प्लान चेंज किया। पुलिस को इस पर शक न हो इसलिए अब इसने कुछ सालों तक हत्या नहीं की और यह अमीर घरों में जा कर साफ-सफाई का काम करने लगी थी। एक घर में यह चोरी करते पकड़ी गई थी, जिसके बाद इसे छह महीने की जेल की सजा हुई थी।

जेल से बाहर आने के बाद फिर की हत्याएं

जेल से बाहर आने के बाद इसके अमीर बनने के ख्वाबों ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया और इसने हत्याओं का वही पुराना पैंतरा अपनाया। 5 कत्ल करने के बाद इसने  साल 2006 में बड़ी घटना को अंजाम दिया। साइनाइड मलिका ने इस बार बेंगलुरु की रहने वाली नागवेणी नाम की एक बेहद अमीर महिला को अपना निशाना बनाया। नागवेणी को कोई संतान नहीं थी, इसलिए वह आसानी से इस फरेबी महिला के जाल में फंस गई।

कैसे पकड़ी गई सीरियल किलर?

उसी पुराने अंदाज में केमपम्मा ने पूजा-पाठ और एक खास साधना करवाने के लिए इस महिला को भी सुनसान इलाके में ले जाकर सायनाइड दे दिया। इस बार की हत्या से फिर से महिलाएं खौफजदा हो गईं। पुलिस ने अब पूरा फोकस सायनाइड पर किया और उन्होंने सभी पुरानी फाइलें खोली और सभी की कड़ी एक-दूसरे से जुड़ती थी।

पुलिस को पता चल गया कि किलिंग का तरीका पहले भी यही था और अभी भी यही है। वहीं, उन्होंने यह भी पाया कि सभी हत्याएं लूट के इरादे से ही की गई हैं। पुलिस सभी कड़ियों को जोड़ते हुए सायनाइड मलिका तक पहुंच  गई और उन्होंने उसे गिरफ्तार कर लिया।  

बेंगलुरु की जेल में सजा काट रही लेडी किलर

केडी केमपम्मा उर्फ सायनाइड मलिका के पास अपने गुनाहों को कबूल करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं था। उसने पुलिस कस्टडी में कबूल किया कि इसने आठ महिलाओं को प्रसाद में सायनाइड मिलाकर दे दिया।

ये अमीर बनना चाहती थी, ये उन अमीर महिलाओं की तरह ही दिखना चाहती थी और इसलिए इसने ये खौफनाक रास्ता चुना। 2012 में इसे अदालत ने सजा-ए-मौत दी। हालांकि, बाद में मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया गया और अब ये बेंगलुरु की जेल में सजा काट रही है।


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