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India China Talks: 7वें दौर की वार्ता रही सकारामक, लेकिन नहीं निकला कोई तात्कालिक नतीजा

भारतीय सेना की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि कमांडर स्तर की वार्ता में भारत-चीन सीमा के पश्चिमी सेक्टर में एलएसी पर सैनिकों को हटाने के मसले पर दोनों पक्षों ने अपने-अपने नजरिये के हिसाब से गंभीर गहन और रचनात्मक चर्चा की।

By Manish PandeyEdited By: Published: Wed, 14 Oct 2020 10:08 AM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2020 10:08 AM (IST)
India China Talks: 7वें दौर की वार्ता रही सकारामक, लेकिन नहीं निकला कोई तात्कालिक नतीजा
दोनों देशों ने संयुक्त बयान में बातचीत को बताया सकारामक।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कूटनीतिक व सैन्य मोर्चे पर भारी तनाव और तनातनी के बावजूद भारत और चीन पूर्वी लददाख में एलएसी पर कायम सैन्य टकराव को हल निकालने के लिए बातचीत का दौर जारी रखने पर सहमति जताई है। सोमवार को हुई कमांडर स्तर की सातवें दौर की वार्ता में तनातनी के हल का कोई तात्कालिक नतीजा नहीं निकला है। लेकिन भारत और चीन ने इस बात पर सहमति जताई कि गतिरोध का दोनों देशों को स्वीकार्य हल निकाले जाने तक बातचीत का सिलसिला जारी रहेगा। सैन्य स्तर की इस अहम वार्ता के ठोस परिणाम को लेकर वैसे भी बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं की जा रही थी।

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पूर्वी लददाख में भारत के चुशूल सेक्टर में सोमवार को 12 घंटे से अधिक चली मैराथन वार्ता को लेकर दोनों देशों ने मंगलवार को यह संयुक्त बयान जारी किया। भारतीय सेना की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि कमांडर स्तर की वार्ता में भारत-चीन सीमा के पश्चिमी सेक्टर में एलएसी पर सैनिकों को हटाने के मसले पर दोनों पक्षों ने अपने-अपने नजरिये के हिसाब से गंभीर, गहन और रचनात्मक चर्चा की।

संयुक्त बयान में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच 10 सितंबर को बनी सहमति का भी जिक्र किया गया है। इसमें कहा गया है कि भारत और चीन आपसी मतभेद को विवाद में न बदलने देने और सीमावर्ती क्षेत्रों में संयुक्त रूप से शांति बनाये रखने पर सहमत हुए हैं। साथ ही भारत और चीन अपने नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण समझ को गंभीरतापूर्वक कार्यान्वित करने को लेकर भी सहमत हुए हैं।

एलएसी पर सैन्य टकराव को खत्म करने के लिए दोनों देशों के बीच जारी सैन्य और कूटनीतिक स्तर की वार्ता की धीमी रफ़तार को देखते हुए इस बात की आशंका बढती जा रही है कि पूर्वी लददाख के कई दुर्गम अग्रिम मोर्चो पर तैनात दोनों देशों की सेनाएं ठंढ और बर्फ के मौसम में भी आमने सामने डटी रह सकती हैं। भारतीय सेना और वायुसेना ने चीनी सेना से टकराव की गंभीरता को देखते हुए पहले ही ठंढ के प्रतिकूल मौसम में सैनिकों को वहां तैनात रखने के लिए साजो सामान से लेकर उपकरण तक वहां पहुंचा दिए हैं।


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