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India China Border Tension: दो हल्के युद्धक हेलीकॉप्टर लेह में अग्रिम मोर्चो पर तैनात, दिन-रात में किसी भी लक्ष्य को भेदने में सक्षम

लेह के आकाश में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के विकसित किए दो हल्के युद्धक हेलीकॉप्टरों को तैनात किया गया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 10:23 PM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 07:52 AM (IST)
India China Border Tension:  दो हल्के युद्धक हेलीकॉप्टर लेह में अग्रिम मोर्चो पर तैनात, दिन-रात में किसी भी लक्ष्य को भेदने में सक्षम
India China Border Tension: दो हल्के युद्धक हेलीकॉप्टर लेह में अग्रिम मोर्चो पर तैनात, दिन-रात में किसी भी लक्ष्य को भेदने में सक्षम

नई दिल्ली, एजेंसियां। चीन से लगे पूर्वी लद्दाख में भारतीय वायुसेना के अभियान को और मजबूती देने के लिए लेह के आकाश में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के विकसित किए दो हल्के युद्धक हेलीकॉप्टरों को तैनात किया गया है। एचएएल के सीएमडी आर. माधवन ने बुधवार को कहा कि जैसे ही वायुसेना की तरफ से जरूरत बताई गई, सीमा पर ताजा हालात को देखते हुए तत्काल यह तैनाती की गई है। आत्मनिर्भर भारत में एचएएल की भूमिका को जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि यह एचएएल का विकसित किया हुआ दुनिया का सबसे हल्का युद्धक हेलीकॉप्टर है। एचएएल ने इसे भारतीय वायुसेना की विशेष और विशिष्ट जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया है।

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एचएएल ने वायुसेना की विशेष व विशिष्ट जरूरतों के लिए यह हेलीकॉप्टर किया है विकसित

बेंगलुरु स्थित मुख्यालय में कंपनी ने एक बयान जारी किया कि परीक्षण के दौरान इस हेलीकॉप्टर में वायुसेना के उप प्रमुख एयर मार्शल हरजीत सिंह अरोड़ा ने एचएएल के टेस्ट पायलट विंग कमांडर (सेवानिवृत्त) सुभाष पी. जॉन के साथ हमले के अभ्यास के लिए अग्रिम मोर्चो पर उच्च अक्षांशों में उड़ान भरी है। इसके लिए हेलीकॉप्टर को क्षेत्र के बेहद दुर्गम हेलीपैड पर उतारा गया। बेहद कम तापमान में भी इस युद्धक हेलीकॉप्टर ने अग्रिम मोर्चो पर अपनी तैनाती की आवश्यकता को सही साबित किया है।

घातक हथियारों से लैस यह हेलीकॉप्टर अचूक निशाने वाला

एचएएल के मुताबिक, घातक हथियारों से लैस यह हेलीकॉप्टर अचूक निशाने वाला और दिन-रात दोनों में किसी भी लक्ष्य को भेदने में सक्षम है। यह उच्च अक्षांशों पर भारी-भरकम हथियारों को ले जाने में सक्षम है। भारतीय वायुसेना और थलसेना ने मिलकर करीब 160 युद्धक हेलीकॉप्टर की आवश्यकता बताई है।


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