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भारत-मध्य एशिया वार्ता में अफगानिस्तान को लेकर हुई चर्चा, देश में शांतिपूर्ण माहौल के लिए दोहराया समर्थन

वार्ता में शामिल सभी देशों ने एक बार फिर शांतिपूर्ण अफगानिस्तान के लिए अपना समर्थन जताया। इसके आंतरिक मामलों में क्षेत्रीय अखंडता और गैर-हस्तक्षेप के सम्मान पर जोर दिया। यह वार्ता दिल्ली में आयोजित की गई जिसकी मेजबानी विदेश मंत्री एस जयशंकर ने की।

By Neel RajputEdited By: Published: Sun, 19 Dec 2021 10:46 AM (IST)Updated: Sun, 19 Dec 2021 10:46 AM (IST)
भारत-मध्य एशिया वार्ता में अफगानिस्तान को लेकर हुई चर्चा, देश में शांतिपूर्ण माहौल के लिए दोहराया समर्थन
तुर्कमेनिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्री वार्ता में हुए शामिल

नई दिल्ली, एएनआइ। भारत-मध्य एशिया तीसरी वार्ता में अफगानिस्तान की स्थिति और क्षेत्र पर इसके प्रभाव को लेकर चर्चा की गई। वार्ता में शामिल सभी देशों ने एक बार फिर शांतिपूर्ण अफगानिस्तान के लिए अपना समर्थन जताया। इसके आंतरिक मामलों में क्षेत्रीय अखंडता और गैर-हस्तक्षेप के सम्मान पर जोर दिया। यह वार्ता दिल्ली में आयोजित की गई, जिसकी मेजबानी विदेश मंत्री एस जयशंकर ने की। इसमें तुर्कमेनिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने हिस्सा लिया।

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इस दौरान विदेश मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान 90 से ज्यादा देशों को भारत ने कोविड रोधी वैक्सीन मुहैया कराई है। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान भारतीय छात्रों को दी गई मदद ने हमारे संबंधों को और मजबूत किया है। हम सब मिलकर इसे और बेहतर कर सकते हैं।

विदेश मंत्री ने राजनयिक संबंधों को अगले स्तर पर ले जाने के लिए भारत की तत्परता का आश्वासन देते हुए कहा कि भारत-मध्य एशिया संबंधों को 4 सी- वाणिज्य (Commerce), क्षमता वृद्धि (Capacity enhancement), कनेक्टिविटी (Connectivity) और संपर्कों (Contacts) पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

उन्होंने कहा, 'कोविड -19 स्थिति के परिणामस्वरूप वैश्विक स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था को भारी झटका लगा है। इसने समाज और कार्यस्थलों, आपूर्ति परिवर्तन और शासन की कल्पना करने के तरीके को बदल दिया है। इसने मौजूदा बहुपक्षीय ढांचे की अपर्याप्तता और उभरती नई चुनौतियों को भी उजागर किया है।

तिलेबर्दी ने कहा कि भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी गतिशील रूप से बढ़ रही है। उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि यह मंच हमारी साझा प्राथमिकताओं और हमारी साझेदारी को नए स्तर की गुणवत्ता तक बढ़ाने की प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए एक और मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि यह बहुत प्रतीकात्मक है कि हमारी बैठक ऐसे समय में हो रही है जब मध्य एशिया के देश अपनी आजादी की 30वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।

किर्गिस्तान के विदेश मंत्री रुस्लान कजाकबाएव ने भारत और मध्य एशियाई देशों के गहरे ऐतिहासिक संबंधों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नई दिल्ली इस क्षेत्र के सभी देशों का रणनीतिक साझेदार है। उन्होंने कहा कि किर्गिस्तान राजनयिक संबंध बनाए रखने के लिए भारत का बहुत आभारी है।

उन्होंने कहा, मुझे यह कहते हुए बहुत खुशी हो रही है कि मध्य एशियाई क्षेत्र में भारत के साथ हमारे अच्छे संबंध और बातचीत हो रही है, जो रिश्तों को गतिशीलता प्रदान करेगा। कजाकबाएव ने कहा कि मध्य एशिया में भारतीय पक्ष के साथ हमारे गहरे ऐतिहासिक और बहुत मधुर संबंध हैं। अफगानिस्तान पर हाल की बातचीत को याद करते हुए, कजाकबाएव ने कहा, हमारे संबंधों का एक विशेष स्थान सुरक्षा है और हमें खुशी है कि हमने हाल ही में अफगानिस्तान की सुरक्षा को लेकर बात की थी। हम सभी का समर्थन और सहयोग करने के लिए तैयार हैं। हम चाहते हैं कि आगे भी हम अपने संबंधों को विकसित करें।


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