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भारत-बांग्लादेश बनाएंगे पूरब में पहला 'वाघा'

भारत, बांग्लादेश सीमा पर एक माह में दोनों देशों के सशस्त्र बल झंडे नीचे उतारकर रिट्रीट समारोह आयोजित करने लगेंगे। इस तरह पूरब में पहला वाघा बनेगा। घुसपैठ के लिहाज से संवेदनशील 175 पंिट्टयों पर दोनों देशों के सशस्त्र बल संयुक्त रूप से गश्त लगाएंगे। भारत ने सीमा पर और ऐसे हथियार देने का निर्णय लिया है जो जानलेवा नहीं

By Edited By: Published: Sat, 23 Mar 2013 11:20 AM (IST)Updated: Sat, 23 Mar 2013 11:22 AM (IST)
भारत-बांग्लादेश बनाएंगे पूरब में पहला 'वाघा'

नई दिल्ली। भारत-बांग्लादेश सीमा पर एक माह में दोनों देशों के सशस्त्र बल झंडे नीचे उतारकर रिट्रीट समारोह आयोजित करने लगेंगे। इस तरह पूरब में पहला वाघा बनेगा। घुसपैठ के लिहाज से संवेदनशील 175 पंिट्टयों पर दोनों देशों के सशस्त्र बल संयुक्त रूप से गश्त लगाएंगे। भारत ने सीमा पर और ऐसे हथियार देने का निर्णय लिया है जो जानलेवा नहीं होंगे। पहले दिए गए ऐसे हथियारों का बहुत अच्छा परिणाम रहा है।

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सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश (बीजीबी) पेट्रापोल (भारत) और बेनापोल (बांग्लादेश) की सीमा पर दोनों देशों के झंडे उतारकर रिट्रीट समारोह का आयोजन करेंगे। यह आयोजन ठीक वैसा ही होगा जैसा भारत-पाकिस्तान सीमा पर परंपरागत रूप से होता रहा है। दोनों देशों ने शाम में इस समारोह को देखने आने वाले आगंतुकों के लिए अपने-अपने क्षेत्र में आधारभूत सुविधाएं विकसित करनी शुरू कर दी हैं।

बीजीबी के साथ पांच दिवसीय वार्ता के बाद बीएसएफ के मुखिया सुभाष जोशी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वाघा-अटारी सीमा पर पूरी ऊर्जा के साथ जो ड्रिल होती है, यह उसकी तुलना में अधिक दोस्ताना और शिष्ट होगी। हम लोगों ने निर्णय लिया है कि चरणबद्ध ढंग से हम विभिन्न स्थानों पर रिट्रीट समारोह आयोजित करेंगे। महानिदेशक मेजर जनरल अजीज अहमद के नेतृत्व में बीजीबी का 23 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल यहां बीएसएफ के साथ हर दो साल पर आयोजित होने वाली बैठक में आया था। भारत-बांग्लादेश की 4096 किलोमीटर लंबी सीमा पर घुसपैठ की समस्या का सामना कर रहा भारत जल्द ही बाड़ लगाने का काम पूरा करेगा।

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