Move to Jagran APP

कुलभूषण जाधव के कांसुलर एक्सेस पर भारत ने नहीं मानी पाकिस्तान की शर्त, रखी ये मांग

पाक की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के कांसुलर एक्सेस पर पाकिस्तान की शर्त को भारत ने ठुकराने हुए अपनी मांग रखी है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Fri, 02 Aug 2019 01:57 PM (IST)Updated: Fri, 02 Aug 2019 02:04 PM (IST)
कुलभूषण जाधव के कांसुलर एक्सेस पर भारत ने नहीं मानी पाकिस्तान की शर्त, रखी ये मांग
कुलभूषण जाधव के कांसुलर एक्सेस पर भारत ने नहीं मानी पाकिस्तान की शर्त, रखी ये मांग

नई दिल्ली, प्रेट्र। पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के कांसुलर एक्सेस पर पाकिस्तान की शर्त को भारत ने ठुकरा दिया है। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान ने सशर्त कांसुलर एक्सेस पर सहमति जताई थी, जिसपर भारत ने अपनी आपत्ति जताई है। भारत सरकार ने पाकिस्तान की कांसुलर एक्सेस पर किसी भी शर्त को मानने से इनकार दिया है। भारत, पाकिस्तान से कुलभूषण जाधव को भय मुक्त करने के लिए एक वातावरण में 'बेखटके' कांसुलर एक्सेस चाहता है।

loksabha election banner

इससे पहले गुरुवार को पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान काउंसलर एक्सेस देने के लिए तैयार हो गया था। पाकिस्तानी मीडिया के हवाले से बताया गया कि  कुलभूषण जाधव को शुक्रवार को काउंसलर एक्सेस दिया जाएगा जिसके तहत जाधव भारतीय राजनयिक से मिल सकता है। ICJ के फैसले के बाद पाकिस्तान जाधव को काउंसलर एक्सेस देने के लिए तैयार हुआ है। अभी तक पाकिस्तान ऐसा करने से मना करता रहा है।

पाकिस्तान के इस फैसले पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस देने की पेशकश की है। हमें पाकिस्तान का यह प्रस्ताव मिला है। हम आईसीजे के फैसले और उसकी गाइडलाइन के आधार में प्रस्ताव का मूल्यांकन कर रहे हैं। इस पर जो भी जवाब देना है हम हम राजनयिक के माध्यम पाकिस्तान को दें देंगे।

क्या होता है कांसुलर एक्सेस ?
VCCR (Vienna Convention on Consular Relations) के आर्टिकल 36 (1) (बी) के तहत अगर किसी देश (A) के नागरिक को किसी दूसरे देश (B) में गिरफ्तार किया जाता है, तो देश B को बिना देरी किए वीसीसीआर के अधिकारों के तहत उस देश A को जानकारी देनी होगी। जिसमें देश A के अधिकारियों को जानकारी देना और उनसे मदद लेना शामिल है। साथ ही देश B को देश A के दूतावास या उच्चायोग को ये जानकारी देना जरूरी है कि उन्होंने उसके देश के नागरिक को गिरफ्तार किया है।

बता दें कि पूर्व भारतीय नौसैनिक और कारोबारी 49 वर्षीय कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है जिसकी अंतरराष्ट्रीय अदालत (आइसीजे) ने समीक्षा करने को कहा है। साथ ही जाधव को विएना कंवेंशन के तहत काउंसलर एक्सेस भी देने का निर्देश दिया गया था।

2017 में भारत ने ICJ में उठाया था मामला
8 मई 2017 को पहली बार भारत ने इस मामले में अंतरराष्‍ट्रीय कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उस वक्‍त भारत की प्राथमिकता जाधव को मिली फांसी की सजा का स्‍थगन थी। भारत इसमें कामयाब भी रहा और 18 मई 2017 को अंतरराष्‍ट्रीय कोर्ट ने कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) की सजा के स्‍थगन का आदेश दिया था। इस आदेश में यहां तक कहा गया था कि जब तक आईसीजे इस संबंध में अपना फैसला न सुना दे तब तक पाकिस्‍तान सैन्‍य अदालत द्वारा दी गई सजा को स्‍थगित किया जाए।

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.