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भारत और वियतनाम के बीच शिक्षा और वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में करार

इस समय वियतनाम पीपुल्‍स आर्मी का एक उच्‍च सैन्‍य प्रतिनिधिमंडल भारत के दौरे पर है। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्‍व प्रधान सेनापति ग्‍यांग कर रहे हैं।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 26 Nov 2019 08:51 AM (IST)Updated: Tue, 26 Nov 2019 08:51 AM (IST)
भारत और वियतनाम के बीच शिक्षा और वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में करार
भारत और वियतनाम के बीच शिक्षा और वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में करार

नई दिल्‍ली, एजेंसी । भारत और वियतनाम ने सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वियतनाम के प्रधान सेनापति जनरल फान वान ग्‍यांग Phan Van Giang के बीच एक बैठक के बाद दोनों देशों के बीच शिक्षा और वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग के लिए एक समझौते पर हस्‍ताक्षर किए गए। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्‍व प्रधान सेनापति ग्‍यांग कर रहे हैं। बता दें कि ग्‍यांग के नेतृत्‍व में वियतनाम पीपुल्‍स आर्मी Vietnam People's Army का उच्‍च स्‍तरीय सैन्‍य प्रतिनिधिमंडल 24 से 28 नवंबर तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर है। 

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह Defence Minister Rajnath Singh और वियतनाम के सैन्‍य प्रमुख ने रक्षा सहयोग पर लंबी चर्चा की। इसके आद राजनाथ सिंह ने ट्वीट करके दोनों नेताओं के बीच मुलाकात के बारे में जानकारी साझा की।

इसके पूर्व वियतनामी सैन्‍य प्रमुख ने भारत के सेना प्रमुख बिपिन रावत General Bipin Rawat से मुलाकात की। दोनों सैन्‍य प्रमुखों ने दक्षिण एशिया और दक्षिण चीन सागर की सामरिक और रणनीतिक चर्चा की। इसके अलवा भी चर्चा के अन्‍य मुद्दे रहे।  

इस प्रतिनिधिमंडल के आने के पूर्व भारत में वियतनाम के राजदूत फाम सान चाउ ने गुरुवार को कहा था कि वियतनाम दक्षिण चीन सागर (एससीएस) मुद्दे पर भारत के स्‍टैंड की सराहना करता है। फाम ने जोर देकर कहा कि एससीएस मुद्दे पर भारत की भूमिका सराहनीय है। इसलिए वियतनाम भारत के साथ सहयोग को और मजबूत करने का प्रयास करता है। यह बात उन्होंने वियतनाम-भारत संबंधों: पारंपरिक संबंधों से लेकर व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक' पर एक गोलमेज बैठक में कहा था।

बता दें कि चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर संप्रभुता का दावा करता है। वियतनाम, मलेशिया, फिलीपीन, ब्रुनेई और ताइवान भी इस पर अपने दावे करते हैं। फाम ने कहा कि भारत और वियतनाम दोनों एक दूसरे का जबरदस्त समर्थन करते है और दोनों पक्षों ने नियमित राजनीतिक संवाद बनाए रखा है।

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