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सीमा पर छोटे मोटे विवाद फौरन सुलझाएंगे भारत-चीन, एनएसए बैठक का दिखा असर

22 दिसंबर, 2017 को दोनों देशो के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) के बीच हुई बैठक में बनी सहमति को अब जमीन पर उतारने की शुरुआत हो चुकी है।

By Tilak RajEdited By: Published: Tue, 09 Jan 2018 09:00 PM (IST)Updated: Tue, 09 Jan 2018 09:00 PM (IST)
सीमा पर छोटे मोटे विवाद फौरन सुलझाएंगे भारत-चीन, एनएसए बैठक का दिखा असर
सीमा पर छोटे मोटे विवाद फौरन सुलझाएंगे भारत-चीन, एनएसए बैठक का दिखा असर

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भौगोलिक तौर पर दो बड़े पड़ोसी देशों के बीच सीमा विवाद होना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन इस विवाद को किस तरह से सुलझाया जाता है यह इन देशों के रिश्तों को तय करता है। उदाहरण के तौर पर डोकलाम विवाद के बाद भारत और चीन ने इस बात के साफ संकेत दिए हैं कि वे अब सीमा विवादों को सुलझाने का माद्दा भी रखते हैं।

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22 दिसंबर, 2017 को दोनों देशो के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) के बीच हुई बैठक में बनी सहमति को अब जमीन पर उतारने की शुरुआत हो चुकी है। एक पखवाड़े पहले अरुणाचल प्रदेश के टूटिंग सीमावर्ती इलाके में सड़क बनाने को लेकर उपजे विवाद का समाधान इसी फार्मूले के तहत किया गया है।

सरकारी सूत्रों के मुताबिक एनएसए अजीत डोभाल और उनके चीनी समकक्ष यान जइची के बीच हुई वार्ता में मुख्य तौर पर यही चर्चा हुई कि सीमा पर होने वाले छोटे मोटे विवादों का किस तरह से स्थानीय तौर पर ही हल निकालने की व्यवस्था हो। इसके तहत स्थानीय सैन्य अधिकारियों को ही यह अधिकार देने का फैसला किया गया कि वे आपसी समझ बूझ के आधार पर फैसला करे। साथ ही यह भी फैसला किया गया है कि इन विवादों को सुलझाने में देरी न की जाए।

इसी का नतीजा है कि टूटिंग इलाके में दोनो देशों के बीच बार्डर पर्सनल मीटिंग हुई। मीटिंग के बाद चीनी सैनिकों ने सड़क निर्माण से जुड़ी अपनी मशीनरी भी साथ ले कर गये थे। डोकलाम में इसी तरह के विवाद को सुलझाने में ढाई महीने का समय लग गया था जबकि अरुणाचल प्रदेश में महज एक पखवाड़े में भी स्थिति सामान्य हो गई है।

कूटनीतिक सर्किल में माना जा रहा है कि डोकलाम के बाद रिश्तों में जिस तरह से तनाव घुलना शुरु हुआ था उसे काफी हद तक अब संभाल लिया गया है। एनएसए वार्ता में यह सहमति भी बनी थी कि दोनो देश लगातार संपर्क व बातचीत का सिलसिला जारी रखा जाएगा।

पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच इस वर्ष भी लगातार मुलाकात की संभावना है। शंघाई सहयोग संगठन, ईस्ट एशिया सम्मेलन, समूह 20 की बैठक के अलावा ब्रिक्स शिखर सम्मेलन भी आने वाले महीनों में आयोजित होनी है जिसमें मोदी और चिनफिंग की मुलाकात होगी।

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