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भारत व अमेरिका ने हिंद महासागर में शुरू किया बड़ा युद्धाभ्यास, चीन पर अंकुश लगाने की कवायद

दो दिवसीय युद्धाभ्यास का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और समुद्री अभियानों में समन्वय की क्षमता प्रदर्शित करना है। पिछले कुछ वर्षो से भारत-अमेरिका के बीच रक्षा संबंधों में मजबूती आई है। अमेरिका ने जून 2016 में भारत को बड़ा रक्षा सहयोगी बताया था।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 11:01 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 11:01 PM (IST)
दोनों देशों की सेनाओं में समन्वय बढ़ाने व चीन की बढ़ती सैन्य उपस्थिति पर अंकुश लगाने की कवायद

नई दिल्ली, प्रेट्र। क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य उपस्थिति को रोकने तथा आपसी समन्वय बढ़ाने के उद्देश्य से भारत व अमेरिका की सेनाओं ने हिंद महासागर में बुधवार को दो दिवसीय बड़े युद्धाभ्यास की शुरुआत की।

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केरल में युद्धाभ्यास के लिए अमेरिका ने परमाणु हथियारों से लैस रीगन को किया तैनात

केरल की राजधानी तिरुअनंतपुरम के पास किए जा रहे युद्धाभ्यास के लिए अमेरिका ने परमाणु हथियारों से लैस विमान वाहक पोत यूएसएस रोनाल्ड रीगन के नेतृत्व में नौसेना वाहक युद्धक समूह को तैनात किया है। युद्धाभ्यास में एफ-18 लड़ाकू विमान और ई-2सी हाक आई आल वेदर विमान भी हिस्सा ले रहे हैं।

भारत की तरफ से जगुआर व सुखोई-30, अवाक्स विमान तथा कई युद्धक पोत भाग लेंगे

भारत की तरफ से जगुआर व सुखोई-30 एमकेआइ लड़ाकू विमान, आइएल-78 हवा से हवा में ईंधन भरने वाले टैंकर विमान, अवाक्स विमान तथा युद्धक पोत कोच्चि व तेग हिस्सा ले रहे हैं। नौसेना ने भी पी8आइ समुद्री निगरानी विमान व मिग 29 के समेत अन्य पोतों व विमानों को युद्धाभ्यास में शामिल किया है।

नौसेना का बड़ा दस्ता सीएसजी हिंद महासागर क्षेत्र में तैनात

यूएस कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (सीएसजी) फिलहाल हिंद महासागर क्षेत्र में ही तैनात है। यह नौसेना का बड़ा दस्ता होता है, जिसमें एक विमान वाहक पोत के साथ कई विध्वंसक एवं अन्य पोत शामिल होते हैं।

दो दिवसीय युद्धाभ्यास का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत और समुद्र में क्षमता प्रदर्शित करना

दो दिवसीय युद्धाभ्यास का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और समुद्री अभियानों में समन्वय की क्षमता प्रदर्शित करना है। पिछले कुछ वर्षो से भारत-अमेरिका के बीच रक्षा संबंधों में मजबूती आई है। अमेरिका ने जून 2016 में भारत को 'बड़ा रक्षा सहयोगी' बताया था। 


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