हवाई यात्रा के मामले में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार, पहले और दूसरे नंबर पर कौन?
भारत में हवाई जहाज से चलने वाले यात्रियों की संख्या दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ रही है, जिससे यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार बन गया है। अमेरिका ...और पढ़ें

हवाई यात्रा में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार
राजीव कुमार, नई दिल्ली। भारत में हवाई जहाज से चलने वाले यात्रियों की संख्या दुनिया में सबसे तेज गति 12 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है, लेकिन इस अनुपात में हवाई जहाज की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हो रही है। हवाई यात्रा के मामले में भारत वैश्विक रूप से दुनिया का तीसरा सबसे बाजार बन गया है, पर उस हिसाब से भारत में हवाई जहाज की संख्या नहीं है।
हवाई यात्रा के मामले में भारत से आगे अमेरिका व चीन है जहां यात्री हवाई जहाजों की संख्या क्रमश: 8000 और 7300 है। भारत में यह संख्या सिर्फ 810 है। भारत में घरेलू व विदेशी दोनों मिलाकर 30 करोड़ से अधिक यात्री हवाई जहाज की यात्रा करते हैं। चीन में सालाना 70 करोड़ से अधिक यात्री हवाई यात्रा करते हैं जो भारत के मुकाबले दोगुना से अधिक है, लेकिन चीन में हवाई जहाज की संख्या भारत के मुकाबले आठ गुना से अधिक है।
अमेरिका में सालाना 90 करोड़ यात्री हवाई यात्रा करते हैं।इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (आईएटीए) के मुताबिक हवाई जहाज की कमी वैश्विक स्तर पर है और अगले पांच साल से पहले इसमें सुधार होने की उम्मीद भी नहीं है। कोरोना काल के दौरान हवाई जहाज का निर्माण प्रभावित हुआ जिसे मांग के मुताबिक अब तक नहीं लाया जा सका है।
आईएटीए के मुताबिक दुनिया भर में सालाना 16,004 हवाई जहाज की जरूरत है और निर्माता कंपनियों को इसके आर्डर भी मिल चुके हैं, लेकिन निर्माता कंपनियां सालाना सिर्फ 10,720 हवाई जहाज का ही उत्पादन कर पा रही है। मांग व आपूर्ति में सालाना 5284 यूनिट का अंतर है। 17,000 से अधिक का बैकलाग है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि दुनिया में सीमित कंपनियां यात्री हवाई जहाज का निर्माण करती है।
मुख्य रूप से दो कंपनियां ही हवाई जहाज का निर्माण करती है। भारतीय एयरलाइंस कंपनियों ने भी नए विमान की खरीदारी का आर्डर दे रखा है और अगले पांच साल में भारतीय हवाई जहाज की संख्या 1400 से अधिक हो जाएगी।हवाई जहाज की कीमतों पर अंकुश का कोई नियम नहींसरकार के मुताबिक हवाई जहाज में यात्रा से जुड़े टिकट की कीमतों पर अंकुश लगाने का कोई नियम नहीं है।
टिकट का मूल्य पूरी तरह से मांग व पूर्ति पर निर्भर करता है। हालांकि समय-समय पर जरूरत के मुताबिक सरकार टिकट मूल्य की सीमा तय करती है, लेकिन यह हमेशा के लिए नहीं हो सकता है। कोरोना काल में सरकार ने हवाई जहाज के टिकट के मूल्य पर सीमा लगाई थी। वैश्विक स्तर पर भी हवाई जहाज के टिकट का मूल्य मांग व आपूर्ति के सिद्धांत से तय होता है।

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