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अखबारों पर बढ़ा भरोसा: कोरोना महामारी में चैनलों के मुकाबले अधिक भरोसेमंद माना गया प्रिंट मीडिया

एक सर्वेक्षण के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी के दौरान लोगों का खबरों पर भरोसा बढ़ा है। वैश्विक स्तर पर 44 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे ज्यादातर समाचारों पर भरोसा करते हैं लेकिन भारत में यह आंकड़ा 38 प्रतिशत से कम है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 24 Jun 2021 12:59 AM (IST)Updated: Thu, 24 Jun 2021 12:59 AM (IST)
अखबारों पर बढ़ा भरोसा: कोरोना महामारी में चैनलों के मुकाबले अधिक भरोसेमंद माना गया प्रिंट मीडिया
सर्वे के मुताबिक लोगों का समाचारों पर भरोसा बढ़ा

नई दिल्ली, प्रेट्र। एक सर्वेक्षण के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी के दौरान लोगों का खबरों पर भरोसा बढ़ा है। वैश्विक स्तर पर 44 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे ज्यादातर समाचारों पर भरोसा करते हैं, लेकिन भारत में यह आंकड़ा 38 प्रतिशत से कम है। भारत में पुराने प्रिंट ब्रांड और सरकारी प्रसारक दूरदर्शन और आल इंडिया रेडियो अधिक भरोसेमंद हैं, जबकि प्रिंट मीडिया सामान्य तौर पर समाचार चैनलों की तुलना में अधिक भरोसेमंद माना गया।

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45 देशों में सर्वेक्षण: समाचारों पर विश्वास के मामले में फिनलैंड 65 फीसद के साथ सबसे ऊपर

आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के 'रायटर्स इंस्टीट्यूट फार द स्टडी आफ जर्नलिज्म' द्वारा किए गए 46 देशों के सर्वेक्षण में समाचारों पर विश्वास के मामले में फिनलैंड 65 प्रतिशत के साथ सबसे ऊपर है, जबकि अमेरिका 29 प्रतिशत स्कोर के साथ सबसे नीचे है।

भारत में फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब और इंस्टाग्राम अधिक लोकप्रिय

अध्ययन में पाया गया एक और दिलचस्प निष्कर्ष यह है कि व्यक्तित्व (मशहूर हस्तियां और प्रभावशाली लोग) भारत में चार बड़े इंटरनेट मंचों फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर इंटरनेट मीडिया समाचार उपयोगकर्ताओं का सबसे अधिक ध्यान आकर्षित करते हैं।

इंटरनेट मीडिया समाचार में भारत का आठवां स्थान

हालांकि अध्ययन में संकेत दिया गया है कि इसका आंकड़ा भारत में मुख्य रूप से अंग्रेजी बोलने वाले आनलाइन समाचार उपयोगकर्ताओं के सर्वेक्षण पर आधारित है जो देश में एक बड़े, विविध और देश के मीडिया बाजार का एक छोटा उपसमूह है। सर्वेक्षण के अनुसार, एशिया-प्रशांत में भारत को आठवां स्थान दिया गया है, जबकि थाईलैंड शीर्ष पर है जहां 50 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे समाचारों पर विश्वास करते हैं।

झूठी और भ्रामक सूचनाओं के बारे में वैश्विक चिंताएं अधिक

अध्ययन से यह भी पता चला है कि इस साल झूठी और भ्रामक सूचनाओं के बारे में वैश्विक चिंताएं अधिक हैं। भारतीय उत्तरदाताओं ने कोरोना के बारे में गलत सूचनाएं वाट्सएप से (28 प्रतिशत), फेसबुक (16 प्रतिशत), यूट्यूब (14 प्रतिशत), गूगल (सात प्रतिशत) और ट्विटर (चार प्रतिशत) के जरिये मिलने पर चिंता जताई।

समाचार संगठनों की वित्तीय स्थिति पर भारत में सबसे अधिक 50 फीसदी चिंतित

भारत उन कुछ देशों में भी शामिल है जहां अधिकांश उत्तरदाता (50 प्रतिशत से अधिक) समाचार संगठनों की वित्तीय स्थिति के बारे में चिंतित थे, जबकि यह अनुपात अमेरिका में केवल 32 प्रतिशत, ब्रिटेन में 26 प्रतिशत, जर्मनी में 23 प्रतिशत और सिंगापुर में 41 प्रतिशत था।


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