Income tax return नहीं भरा तो हो जाएं सावधान, जाना पड़ सकता है जेल और देना होगा जुर्माना
वित्त वर्ष 2019-2020 के लिए Income Tax Return जमा करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। यदि आपसे यह तारीख मिस हो जाए तो जानिए आपको कितना जुर्माना हो सकता है।
नई दिल्ली,एजेंसी। मुंबई में रहने वाले बजाज सहाब (काल्पनिक नाम) ने पिछले दो तीन साल से अपनी आईटीआर (income tax return) और टैक्स (tax) दोनों ही जमा नहीं किए हैं। अब उन्हें डर है कि कहीं उनके खिलाफ कार्रवाई ना हो जाए। सबसे पहले आपको बता दें कि वर्ष 2018-19 में हुई आय के लिए आयकर रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई, 2019 है। चलिए तो हम आपको बतातें है कि यदि आप किसी वजह से बजाज सहाब की तरह रिटर्न फाइल करने से चूक जाते हैं तो आपको क्या करना चाहिए।
सबसे पहले जानें क्या है असेसमेंट ईयर
असेसमेंट ईयर यानी आकलन वर्ष मतलब वित्त वर्ष की आमदनी का आकलन किया जा रहा हो। इसी वर्ष में आप पिछले वित्त वर्ष का आइटीआर फाइल करते हैं। मतलब, वित्त वर्ष 2018-19 का आकलन वर्ष 2019-20 होगा।
अगर डेडलाइन हो गई मिस
यदि आप 31 जुलाई 2019, तक आईटीआर फाइल नहीं कर पाएंगे तो भी आपके पास 31 मार्च 2020 तक का समय है। आप बिलेटेड आईटीआर (belated ITR) फाइल कर सकते हैं। हालांकि, आपके पास 31 मार्च तक का समय है लेकिन, आपको 31 जुलाई तक ही अपना आईटीआर फाइल कर देना चाहिए, क्योंकि इसके बाद जब भी आप आईटीआर फाइल करेंगे तो आपको जुर्माना देना होगा।
देरी से रिटर्न दाखिल करने पर माफी का आवेदन
इनकम टैक्स कुछ मामलों में आखिरी तारीख खत्म होने के बाद भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की इजाजत देता है। जो लोग आखिरी तारीख तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से चूक गए हैं, वे आयकर आयुक्त के पास आवेदन भेज सकते हैं।
देर से भरा आईटीआर तो देना होगा इतना जुर्माना
बजट 2017 में समयसीमा के बाद आईटीआर फाइल करने पर जुर्माने का ऐलान किया गया था। जो कि आकलन वर्ष 2018-19 से लागू हो गया है। इस दौरान वित्त वर्ष 2017-18 का आईटीआर फाइल किया गया था। इससे पहले तक समयसीमा पार करने के बाद जुर्माने का पूरा अधिकार असेसिंग ऑफिसर के पास होता था। अब इनकम टैक्स ऐक्ट में सेक्शन 234F जोड़ दिया गया है। इसके तहत देरी से आईटीआर फाइल करने वालों का जुर्माना तय किया गया है।
जानें कब और कितना देना होगा जुर्माना
यदि आप चालू वित्त वर्ष के लिए एक बिलेटेड रिटर्न दाखिल करते हैं, लेकिन 31 दिसंबर, 2019 से पहले, आपको 5,000 रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है। यदि आईटीआर 1 जनवरी, 2020 को या उसके बाद दायर किया जाता है, तो यह जुर्माना बढ़कर 10,000 रुपये हो जाएगा। हालांकि, अगर करदाता की कुल आय 5 लाख रुपये से कम है, तो जुर्माना राशि 1,000 रुपये से अधिक नहीं होगी
यहां आपको बता दें कि अगर किसी इंडिविजुअल की ग्रॉस टोटल इनकम, टैक्स छूट की सीमा को पार नहीं करती है तो उसे 31 जुलाई, 2019 के बाद और 31 मार्च 2020 तक आईटीआर फाइल करने पर भी लेट फाइन नहीं देना होगा।
मौजूदा आयकर कानून के तहत टैक्स छूट की सीमा में आने वाली सालाना आय इस प्रकार है। रेजिडेंट इंडिविजुअल की उम्र यदि 60 वर्ष से नीचे है तो Basic Exemption limit ढाई लाख रुपये है। इसी तरह 60 वर्ष से 80 वर्ष तक (वरिष्ठ नागरिक) के लिए यह राशी तीन लाख रुपये है। 80 वर्ष से ऊपर (अति वरिष्ठ नागरिक) के लिए यह राशी पांच लाख रुपये है।
इस मामले में अगर भारत में रह रहे इंडिविजुअल को विदेश की संपत्तियों से आमदनी हो रही है तो उसे लेट फाइलिंग फीस देनी होगी। फिर चाहे उसकी आमदनी टैक्स छूट के दायरे में ही क्यों ना हो।
हो सकती है सात साल तक की जेल
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करने पर आयकर विभाग आपके खिलाफ कई कदम उठा सकता है। इसमें नोटिस, जुर्माना और सात साल तक की जेल भी हो सकती है। आपने इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरा तो आपको सेक्शन 142 (1)(i) के तहत नोटिस जारी किया जा सकता है। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करने के लिए आप पर 5000 रुपये का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। यदि किसी व्यक्ति ने ब्याज के साथ सारा टैक्स चुका दिया लेकिन, किसी वजह से इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भर पाया तो पेनाल्टी की संभावना नहीं है। इसी तरह यदि आपने कई सालों से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं की है तो जुर्माने की राशी में बढ़ोतरी होती जाएगी। साथ ही आयकर विभाग आपके खिलाफ उचित कार्रवाई भी कर सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप समय से अपना टैक्स और रिटर्न फाइल करें।