नोटबंदी के दौरान चांदी कूटने वाले ज्वैलरों को आयकर नोटिस, देशभर के कारोबारियों में खलबली
नोटबंदी के तुरंत बाद बैंकों में बहुत ज्यादा नकदी जमा करने वाले ज्वैलरों को आयकर विभाग ने नोटिस भेजा है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। नोटबंदी के तुरंत बाद बैंकों में बहुत ज्यादा नकदी जमा करने वाले ज्वैलरों को आयकर विभाग ने नोटिस भेजा है। देशभर के ज्वैलरों में आयकर विभाग की तरफ से मिले डिमांड नोटिस को लेकर खलबली मच गई है। नोटबंदी के दौरान ज्वैलरों की तरफ से बैंकों में जमा नकदी के आकलन के बाद आयकर विभाग ने उन सराफा कारोबारियों को टैक्स डिमांड के नोटिस भेजे हैं, जिनकी नोटबंदी से कुछ समय पहले, उसके दौरान और बाद के दिनों की बिक्री में तारतम्यता नहीं दिखी है। सराफा उद्योग इस मामले को लेकर अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की तैयारी कर रहा है।
नोटिस से ज्वैलरी उद्योग में हड़कंप
आयकर विभाग का आरोप है कि नवंबर, 2016 में नोटबंदी के बाद ज्वैलरों ने बैंकों में भारी मात्रा में नकदी जमा की। विभाग ने बीते दो वर्षों में ज्वैलरों के खातों का आकलन किया है। इसके आधार पर विभाग को लगा है कि नोटबंदी के तुरंत बाद कई ज्वैलरों ने सीमा से अधिक नकदी जमा कराई। इसी का आकलन कर इन ज्वैलरों पर टैक्स नोटिस निकाला गया है। आयकर विभाग की तरफ से भेजे गए नोटिस से ज्वैलरी उद्योग में हड़कंप है। उद्योग से जुड़े लोगों का मानना है कि कुछ मामलों में तो डिमांड नोटिस में टैक्स की राशि इतनी अधिक है कि उनके लिए इसका भुगतान करना भी असंभव है।
अकेले उत्तर प्रदेश में करीब ढाई हजार ज्वैलरों को नोटिस
एक अनुमान के मुताबिक देशभर में करीब तीन लाख ज्वैलर हैं। उद्योग सूत्रों के मुताबिक इनमें बड़ी संख्या में लोगों को नोटिस मिला है। अकेले उत्तर प्रदेश में करीब ढाई हजार कारोबारियों को नोटिस मिलने की सूचना है। दिल्ली बुलियन मर्चेट एसोसिएशन के अध्यक्ष एसके गोयल चांदीवाला ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि दिल्ली में यह संख्या काफी अधिक है। गोयल ने बताया, 'एसोसिएशन ने वित्त मंत्री से मुलाकात का समय मांगा है। उनसे इस मामले में राहत दिलाने की मांग करेंगे।' मुंबई में करीब 500 ज्वैलरों को नोटिस मिलने की सूचना है।
नकद कारोबार की मात्रा अलग-अलग
गोयल कहते हैं कि सराफा कारोबारियों को मिले नोटिस केवल नोटबंदी की अवधि तक ही सीमित नहीं है। कई मामलों में तो इससे पहले के वर्षों की डिमांड निकालकर नोटिस भेजे गए हैं। उनके मुताबिक 'कुछ मामलो में तो 2011-12 और 2013-14 में किए गए कारोबार को लेकर भी नोटिस मिले हैं।' गोयल ने कहा कि दो लाख रुपये तक की बिक्री नकद में करने की छूट है। साथ ही ज्वैलर आमतौर पर एक किलोग्राम सोने की बिक्री आभूषणों के रूप में अलग-अलग वजन में करता है। इस वजह से नकद कारोबार की मात्रा अलग-अलग हो सकती है। इसलिए भी जमा कराई गई नकदी अधिक लगती है।
यह है मामला
अधिकारियों के मुताबिक नोटबंदी के दौरान ज्वैलरों ने पुरानी करेंसी में बड़ी मात्रा में बिक्री की थी। आयकर विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि नोटिस भेजने से पूर्व सराफा कारोबारियों की बिक्री और स्टॉक का पूरा असेसमेंट किया गया है। कई मामलों में डिलीवरी किए बिना बिक्री दिखाने के मामले भी आए हैं। साथ ही कई अन्य मामलों में ज्वैलरों ने बिना केवाईसी वाले खुदरा सराफा कारोबारियों को बिक्री दिखाई है।
सराफा कारोबारियों का तर्क
दो लाख रुपये तक की बिक्री नकद में करने की छूट है। ज्वैलर लगभग एक किलोग्राम सोने की बिक्री आभूषणों के रूप में अलग-अलग वजन में कर लेता है। इस वजह से नकद कारोबार की मात्रा अलग-अलग हो सकती है।