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SC में केंद्र की दलील-राजीव गांधी के हत्यारों को छोड़ने से कायम होगी गलत मिसाल

इसमें यह कहा गया था कि राष्ट्रपति ने सातों दोषियों को रिहा करने और इस मामले को स्थगित करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Fri, 10 Aug 2018 11:43 AM (IST)Updated: Fri, 10 Aug 2018 12:58 PM (IST)
SC में केंद्र की दलील-राजीव गांधी के हत्यारों को छोड़ने से कायम होगी गलत मिसाल
SC में केंद्र की दलील-राजीव गांधी के हत्यारों को छोड़ने से कायम होगी गलत मिसाल

नई दिल्‍ली [ एजेंसी ]। केंद्र की मोदी सरकार ने आज भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई के तमिलनाड़ु सरकार के प्रस्ताव को खारिज करते हुए मामले को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश किया। केंद्र सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई से समाज में एक गलत मिसाल पेश होगी। कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा कि इस मामले को कई न्यायिक मंचों पर सुना गया और फिर मामले में फैसला दिया गया है और राष्ट्रपति ने रिहाई का प्रस्ताव ठुकरा दिया है। ऐसे में इस तरह के कैदी की रिहाई सही नहीं होगी।
राजीव गांधी हत्याकांड मामले में केंद्र सरकार ने सात दोषियों की रिहाई का विरोध किया है। केंद्र ने कहा कि आपराधिक प्रकिया संहिता की धारा 435 के तहत दोषियों की रिहाई के तमिलनाडु के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह मामला देश से एक पूर्व प्रधानमंत्री की नृशंस हत्या से जुड़ा है, जिन्हें विदेशी आतंकी संगठन ने सुनियोजित तरीके से हत्या की गई। अगर इस तरह चार विदेशी दोषियों को रिहा किया गया तो इसका अन्य विदेशी कैदियों के मामले पर भी गंभीर असर पड़ेगा।
इसके पूर्व राजीव गांधी हत्‍याकांड मामले को दोबारा खोले जाने से केंद्र सरकार ने इनकार कर दिया था। केंद्र ने अदालत में हलफनामा दाखिल करते वक्‍त कहा था कि केंद्र इस आपराधिक मामले को दोबारा खोले जाने के खिलाफ है। सभी दोषियों को पिछले 24 सालों में चली कार्रवाई के दौरान कानून के अनुसार सजा दी गई है।
बता दें कि तमिलनाडू सरकार ने मई 2016 में राजीव गांधी हत्‍याकांड में सातों अभियुक्‍तों को माफी देने के लिए केंद्र सरकार को सिफारिशी पत्र लिखा था। साथ ही सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी। इसके बावत कुछ दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार से सातों दोषियों को छोड़ने पर जवाब मांगा था। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि 6 हफ्तों के भीतर केंद्र सरकार सातों अभियुक्‍तों को माफी देने पर फैसला करे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मोदी सरकार तमिलनाडू सरकार के पत्र का जवाब जल्‍द से जल्‍द जवाब दे।
आपको बता दें कि इस घटना में 16 निर्दोष लोग मारे गए और कई लोग जख्मी हुए थे। इसमें नौ सुरक्षाकर्मी भी मारे गए थे। हत्‍याकांड के दोषियों में संथन, मुरुगन ,पेरारीवलन और उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी श्रीहरन, रॉबर्ट पायस, रविचंद्रन और जयकुमार शामिल हैं। गौरतलब है कि 21 मई, 1991 को रात 10. 21 बजे श्रीपेरंबदूर में हुए धमाके में राजीव गांधी की मौत हुई थी।

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