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महामारी के बीच परदेस में फंसे जत्थों में लोग अपने घरों के लिए निकल पड़े, सरकार के सामने चुनौती

स्कूलों की छुट्टियों से लेकर पारिवारिक कार्यक्रम जैसे कई कारण इस दौरान लोगों को अपने गांव बुलाते हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 29 Mar 2020 11:06 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2020 12:29 AM (IST)
महामारी के बीच परदेस में फंसे जत्थों में लोग अपने घरों के लिए निकल पड़े, सरकार के सामने चुनौती

जेएनएन, नई दिल्ली। सड़कों और हाईवे पर लोगों की कतारें सरकारों को परेशान कर रही हैं। कोविड-19 को थामने के उद्देश्य से पूरे देश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन के एलान के बाद पिछले दो दिनों से देश के अलग-अलग हिस्सों में एक नया संकट उभरा है। जत्थों में लोग अपने घरों के लिए निकल पड़े हैं - कुछ परिस्थितिजन्य हालात के कारण, तो कुछ अपने शहर और गांवों तक पहुंचकर निश्चिंत होना चाहते हैं। इस स्थिति में सरकारों के लिए इन सभी को संभालना और जहां हैं, वहीं रोक कर रखना भी बड़ी चुनौती है।

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शहर में काम बंद होने से परेशान लोगों की अकुलाहट व बेचैनी

इस घटनाक्रम को मजदूरों का पलायन बताया जा रहा है, लेकिन न तो यह पलायन है, न ही इसमें केवल मजदूर शामिल हैं और न ही यह केवल दिल्ली-एनसीआर से उत्तर प्रदेश और बिहार लौटने की कोशिश कर रहे लोगों का प्रसंग है। यह उससे कहीं ज्यादा है। देश के लगभग सभी महानगरों से लोग अपने गांव की ओर वापसी करने की कोशिश में लगे हैं। इनमें कामगारों के अलावा छात्र व अन्य रोजगार से जुड़े लोग भी शामिल हैं। यह शहर में काम बंद होने से परेशान लोगों की अकुलाहट तो है ही, साथ ही महामारी के बीच परदेस में फंसे लोगों की बेचैनी भी है। इस बीच, कुछ अफवाहों ने भी इनकी बेचैनी बढ़ाने और इन्हें सड़कों पर जुटने के लिए मजबूर कर दिया।

धन ही नहीं, मन भी है कारण

हजारों की तादाद में लोगों का सड़कों पर आना और पैदल ही अपने गांव-घर की ओर से चल पड़ना अपने आप में कई वजह छिपाए है। काम बंद होने के चलते आर्थिक रूप से आई परेशानी तो इसका कारण है ही, कई भावनात्मक वजहें भी इसके पीछे हैं। इस महामारी और संकट के बीच कहीं ना कहीं लोग गांव-घर पहुंचकर खुद को सुरक्षित अनुभव करना चाहते हैं। हालांकि यह भी सच है कि खुद को सुरक्षित अनुभव करने की इस भावना के चलते लोगों की उमड़ी यह भीड़ कहीं ना कहीं महामारी के विरुद्ध युद्ध में देश को कमजोर भी कर रही है।

पूर्व निर्धारित योजनाएं भी हैं वजह

साल के इस दौर में अक्सर विभिन्न राज्यों में रह रहे प्रवासी अपने गांव की ओर जाते हैं। स्कूलों की छुट्टियों से लेकर पारिवारिक कार्यक्रम जैसे कई कारण इस दौरान लोगों को अपने गांव बुलाते हैं। ऐसे में सभी बस, ट्रेन रद होने के कारण भी ऐसे लोग बड़ी संख्या में किसी भी तरह से अपने घर पहुंच जाना चाहते हैं। फसलों की कटाई का मौसम होने के कारण भी बहुत से लोग इन दिनों अपने गांव पहुंचते हैं। इनमें से बहुत से लोगों के लिए यह गांव में रोजगार का भी मौका होता है।


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