गर्भवती हथिनी की मौत के मामले में पर्यावरण मंत्रालय ने दी जानकारी, कही यह बात
पर्यावरण मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि पटाखों से भरा फल किसी हाथी को मारने के लिए नहीं रखा गया था।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केरल में गर्भवती हथिनी की मौत दुर्घटनावश हुई थी। मामले की प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है। पर्यावरण मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि पटाखों से भरा फल किसी हाथी को मारने के लिए नहीं रखा गया था। बागवानी करने वाले कई लोग अपने खेतों में आने वाले जंगली सूअरों को रोकने के लिए इस तरह के फल रख देते हैं। हथिनी ने संभवत: गलती से इस तरह का फल खा लिया। हालांकि किसी भी जानवर को मारने के लिए इस तरह की अमानवीय योजना बनाना गैरकानूनी है और सरकार दोषियों पर कार्रवाई करेगी।
लोग कर रहे हैं मामले की जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग
केरल के साइलेंट वैली वन की हथिनी ने पटाखों से भरा फल खा लिया था, जिससे उसका जबड़ा क्षतिग्रस्त हो गया था। इस कारण खाने-पीने में असमर्थ हथिनी ने हफ्तेभर बाद वेल्लियार नदी में जान गंवा दी थी। वह कर्इ दिनों तक पानी में मुंह डाले खड़ी रही ताकि दर्द से निजात मिल सके। बाद में वन विभाग के तमाम प्रयासों के बाद भी हथिनी को बचाया नहीं जा सका। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि हथिनी गर्भवती थी। मामला सामने आने के बाद से बड़े पैमाने पर आलोचना हो रही है। लोग मामले की जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया था। अब तक इस घटना में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।
अधिकारी की लापरवाही सामने आने पर होगी कार्रवाई
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा कि वह लगातार केरल सरकार के संपर्क में है। राज्य सरकार से दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी और उन पर कड़ी कार्रवाई के लिए कहा गया है। यदि मामले में किसी अधिकारी की लापरवाही सामने आई तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी। इस बीच पर्यावरण राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने लोगों को सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों से बचने की सलाह दी है।