सियासी साये में बनारसी साड़ी, न्यूयॉर्क टाइम्स को नजर आया हिंदू राष्ट्रवाद
भारत में नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से साड़ी समेत अन्य पारंपरिक परिधान हिंदू राष्ट्रवाद का प्रतीक बन गए हैं..
नई दिल्ली, जेएनएन। न्यूयॉर्क टाइम्स की ओर से एक लेख के जरिये यह स्थापित करने की कोशिश का सोशल मीडिया पर जमकर मजाक उड़ रहा है कि भारत में नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से साड़ी समेत अन्य पारंपरिक परिधान हिंदू राष्ट्रवाद का प्रतीक बन गए हैं। इस विचित्र और हास्यास्पद लेख में यह भी कहा गया है कि पारंपरिक भारतीय परिधानों को बढ़ावा देने की कोशिश के चलते ही साड़ी और विशेष रूप से बनारसी साड़ी का कारोबार बढ़ा है। न्यूयार्क टाइम्स के इस लेख को जानी मानी लेखिका तवलीन सिंह ने मूर्खतापूर्ण बताते हुए कहा है कि ऐसे लेखों से मोदी सरकार का यह संदेह सही ही साबित होता है कि विदेशी मीडिया उसके खिलाफ झूठ का सहारा लेने में लगा हुआ है!
ट्विटर पर अन्य अनेक लोगों ने इस लेख को बकवास करार देते हुए हैरानी प्रकट की है कि आखिर ऐसे बेहूदा लेख न्यूयॉर्क टाइम्स में स्थान कैसे पा सकते हैं? जाने-माने अर्थशास्त्री और इतिहासकार संजीव सन्याल का कहना है कि हैरान हूं कि न्यूयार्क टाइम्स यह सोचता है कि पारंपरिक भारतीय परिधान पहनना एक तरह का उन्मादी कृत्य है! अब क्या दोसा, बिरयानी और चाट खाना भी अवांछित करार दिया जाएगा? अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार सदानंद धुमे ने भी न्यूयॉर्क टाइम्स के नजरिए पर कटाक्ष करते हुए कहा है, “ प्रिय न्यूयार्क टाइम्स मोदी सरकार की आलोचना करने में हर्ज नहीं, लेकिन टेक्सटाइल को बढावा देने को हिंदू राष्ट्रवाद बताना बेतुका है।” कुछ ऐसी ही और तमाम इससे भी अधिक तीखी टिप्पणियां अन्य लोगों ने की है!
This @nytimes piece is absolutely ridiculous. It is badly argued & badly researched. Trying to make a story where there isn't one & unnecessarily communalize the issue of saris (& Nehru jackets!) https://t.co/jWUFq4vfIz— Tanvi Madan (@tanvi_madan) November 13, 2017
Missed this earlier--yes, really does not make much sense.— Alyssa Ayres (@AyresAlyssa) November 13, 2017
There's a real lack of understanding of India in the rest of the world, and vice versa. More academics & policy scholars ought to enter journalism, maybe.— Mohamed Zeeshan (@ZeeMohamed_) November 13, 2017
महिलाओं ने खास तौर पर न्यूयॉर्क टाइम्स के इस लेख को फूहड़ बताते हुए उसकी जमकर खबर ली है। असगर कादरी की ओर से लिखे गए इस लेख में यह भी लिखा गया है कि किस तरह स्मृति ईरानी भी साड़ी पहनती हैं और वह टेक्सटाइल मंत्री भी हैं। इसके अलावा भाजपा की साड़ी पहनने वाली अन्य महिला नेताओं का जिक्र करते हुए यह कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी भारतीय परिधानों को प्राथमिकता देते हैं!
साड़ी को हिंदू राष्ट्रवाद का प्रतीक साबित करने वाले इस लेख पर लोगों का ध्यान इसलिए भी गया, क्योंकि कुछ ही दिन पहले ट्विटर पर एक वीडियो जारी कर यह बताने की कोशिश की गई थी कि साड़ी पहनकर काम करना और चलना-फिरना कितना कष्टकारी है? इस वीडियो के खिलाफ महिलाओं ने बाकायदा मोर्चा खोल दिया था। उन्होंने ट्विटर #Sareeswag ट्रेंड किया था और साथ ही साड़ी में अपने फोटो भी अपलोड किए थे। इनमें कई महिला पत्रकार भी शामिल थीं। न्यूयॉर्क टाइम्स की ओर से साड़ी को हिंदू राष्ट्रवाद के आवरण से ढकने की कोशिश इसलिए भी लोगों के गले नहीं उतरी, क्योंकि उक्त लेख इस अमेरिकी समाचार पत्र के ओपिनियन पेज पर प्रकाशित हुआ है!
यह भी पढ़ेंः जब इंडियन कल्चर से प्रभावित होकर US राजदूत ने पूछा था- कौन सी साड़ी पहनें
यह भी पढ़ेंः मनीला में पीएम मोदी ने मप्र की बेटी को कविता पाठ के लिए किया आमंत्रित
यह भी पढ़ेंः 'संघ शिक्षा वर्ग' की पढ़ाई जरा हटकर है, यहां हैं 65 की उम्र में पहली कक्षा के 'छात्र'