Move to Jagran APP

इंफाल में भीड़ ने दो घरों को लगाई आग, जवानों ने छोड़े आंसू गैस के गोले; इंटरनेट सेवाओं पर रहेगी 20 जून तक रोक

खमेनलोक इलाके में कुकी गांव पर मंगलवार रात हुए हमले के बाद सुरक्षा बलों ने शांति स्थापना के लिए अपने प्रयास दोगुने कर दिए हैं। विश्व हिंदू परिषद ने ट्वीट कर कहा है कि मणिपुर में हिंसा से समाज को बड़ा नुकसान हुआ है।

By AgencyEdited By: Shashank MishraUpdated: Fri, 16 Jun 2023 12:04 AM (IST)
Hero Image
मणिपुर ट्राइबल फोरम ने मांग की है कि सेना अल्पसंख्यक कुकी जनजाति की रक्षा करे।
इंफाल, पीटीआई। खमेनलोक इलाके के एक गांव में हमले के एक दिन बाद भीड़ ने गुरुवार को मणिपुर की राजधानी इंफाल में दो घरों को आग लगा दी। भीड़ को तितरबितर करने के लिए सुरक्षा बलों को बल प्रयोग करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। प्रदेश में हिंसा की हालिया घटनाओं के बाद सेना और असम राइफल्स क्षेत्र पर अपना नियंत्रण स्थापित करने के लिए अभियान चला रहे हैं। दोनों ने गश्त बढ़ा दी है और अवरोधों को हटा दिया है।

इंटरनेट सेवाओं पर रोक नौवीं बार बढ़ाई गई

खमेनलोक इलाके में कुकी गांव पर मंगलवार रात हुए हमले के बाद सुरक्षा बलों ने शांति स्थापना के लिए अपने प्रयास दोगुने कर दिए हैं। बुधवार रात कुछ अन्य उपद्रवियों ने राज्य की एकमात्र महिला मंत्री नेमचा किपगेन के सरकारी आवास को भी आग लगा दी थी। उस समय आवास में कोई नहीं था। प्रशासन ने अफवाहों, वीडियो, तस्वीरों और संदेशों को फैलने से रोकने के लिए गुरुवार को इंटरनेट सेवाओं पर रोक नौवीं बार बढ़ा दी। अब यह रोक 20 जून तक जारी रहेगी।

इस बीच, विश्व हिंदू परिषद ने ट्वीट कर कहा है कि मणिपुर में हिंसा से समाज को बड़ा नुकसान हुआ है। परिषद ने राज्य में शांति स्थापित करने और तत्काल हिंसा रोकने की अपील की है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि मणिपुर के हालात चिंताजनक हैं और यह देखना हृदय विदारक है कि केंद्र सरकार मणिपुर के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने व शांति बहाली के लिए तात्कालिक कदम नहीं उठा रही है।

इनर मणिपुर सीट से भाजपा सांसद और केंद्रीय राज्यमंत्री राजकुमार रंजन ¨सह ने कहा, बार-बार हो रहे संघर्ष बताते हैं कि सुरक्षा कड़ी करने की जरूरत है और निगरानी एजेंसी को स्थिति पर नजर रखनी चाहिए।

वहीं, विभिन्न समुदायों के 15 संगठनों ने संयुक्त राष्ट्र और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों को संयुक्त ज्ञापन सौंपकर राज्य में जारी संकट खत्म करने में उनकी मदद मांगी है। इन संगठनों ने भुखमरी, गरीबी, सैन्यीकरण, केंद्रीय सुरक्षा बलों की पक्षपातपूर्ण भूमिका और कुकी उग्रवादियों द्वारा किए गए अभियान को स्थगित करने के त्रिपक्षीय समझौते के बुनियादी नियमों के उल्लंघन पर तत्काल ध्यान देने का आह्वान किया है।

एनजीओ की सुप्रीम कोर्ट में मांग, सेना करे सुरक्षा

मणिपुर ट्राइबल फोरम नामक आदिवासियों के गैरसरकारी संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार और राज्य के मुख्यमंत्री संयुक्त रूप से सांप्रदायिक एजेंडा चला रहे हैं जिसका मकसद राज्य से कुकी जनजाति का सफाया करना है।

संगठन ने शीर्ष अदालत से अनुरोध किया है कि वह केंद्र सरकार के खोखले आश्वासनों पर भरोसा न करे और मांग की कि सेना अल्पसंख्यक कुकी जनजाति की रक्षा करे क्योंकि उन्हें राज्य और राज्य की पुलिस पर भरोसा नहीं है।