VIP Security: हरियाणा में सरकार से सुरक्षा प्राप्त 464 लोगों के लिए कुल 1515 सुरक्षाकर्मी तैनात, प्रदेश सरकार ने विधानसभा में दी जानकारी
हरियाणा सरकार ने सोमवार को विधानसभा को बताया कि सुरक्षा प्राप्त 464 लोगों के लिए 1515 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। इनमें से राज्य के सांसद पूर्व सांसद मौजूदा और पूर्व विधायक शामिल हैं। सुरक्षा प्राप्त लोगों की सुरक्षा में विभिन्न रैंकों के पुलिस कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है।
चंडीगढ़, एजेंसियां: हरियाणा सरकार ने सोमवार को विधानसभा को बताया कि सुरक्षा प्राप्त 464 लोगों के लिए 1,515 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। इनमें से राज्य के सांसद, पूर्व सांसद, मौजूदा और पूर्व विधायक शामिल हैं। विधायक अभय सिंह चौटाला द्वारा उठाए गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया गया कि सुरक्षा प्राप्त 464 लोगों को "स्थितिगत और खतरे के आधार पर" सुरक्षा प्रदान की गई है। इन सुरक्षा प्राप्त लोगों की सुरक्षा में विभिन्न रैंकों के पुलिस कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है।
राज्य में सांसदों की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों का ब्योरा देते हुए बताया गया कि पांच राज्यसभा सांसदों सहित राज्य के 15 सांसदों के लिए 66 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे। वहीं छह पूर्व सांसदों की सुरक्षा में 17 जवान, 90 मौजूदा विधायकों की सुरक्षा में 811, 37 पूर्व विधायकों की सुरक्षा में 98 जबकि 532 सुरक्षाकर्मी विभिन्न अन्य श्रेणियों में 316 व्यक्तियों/नेताओं की सुरक्षा के लिए कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है।
वहीं, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को 'जेड' प्लस सुरक्षा कवर, डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को 'जेड' सुरक्षा कवर, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। अन्य सुरक्षा प्राप्त लोगों में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला, राज्य भाजपा अध्यक्ष ओपी धनखड़, कुछ पत्रकार, एक आरटीआई कार्यकर्ता, कई वरिष्ठ पूर्व नौकरशाह और पूर्व शीर्ष पुलिस अधिकारी शामिल हैं।
आपको बता दें, अभय चौटाला ने अक्टूबर 2019 से अब तक राज्य में सरकारी खर्च पर सुरक्षा प्रदान करने वाले सांसदों, पूर्व सांसदों, वर्तमान और पूर्व विधायकों और अन्य विभिन्न श्रेणियों से संबंधित व्यक्तियों / नेताओं के नाम जानने की मांग की थी। इस बीच, इनेलो प्रमुख ओपी चौटाला के छोटे बेटे अभय ने आरोप लगाया कि 464 सुरक्षा प्राप्त लोगों में से कुछ को सुरक्षा इसलिए दी गई क्योंकि वे किसी तरह से भाजपा से जुड़े हुए हैं। वह कानून और व्यवस्था के मुद्दों पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर बोल रहे थे, जिसमें कुछ विधायकों को धमकी भरे कॉल भी शामिल थे।