छत्तीसगढ़: तिरंगे के साथ नदी पार लहराई विकास की उम्मीद
दशकों से काला झंडा देखने और दहशत में जीने वाले ग्रामीणों के बीच पहुंच फोर्स ने तिरंगा लहरा दिया।
दंतेवाड़ा (छत्तीसगढ़), राज्य ब्यूरो। दशकों से काला झंडा देखने और दहशत में जीने वाले ग्रामीणों के बीच पहुंच फोर्स ने तिरंगा लहरा दिया। इस तिरंगे के साथ आधा दर्जन पंचायत के सैंकड़ों ग्रामीणों के अच्छे दिन की शुरुआत गणतंत्र दिवस से हो गई।
गीदम ब्लाक में इंद्रावती नदी पार के लोग आजादी के सालों बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। नक्सलियों के भय से नदी में पुल नहीं बन पाया और माड़ इलाके में उनका साम्राज्य कायम है। इसे साम्राज्य को ध्वस्त करने करोड़ों की लागत से प्रस्तावित पुल निर्माण की सुरक्षा के लिए फोर्स कैंप डाल रही।
नदी पार कर इसी कैम्प में गणतंत्र दिवस पर एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने राष्ट्रीय ध्वज फहराकर सलामी दी। इससे ग्रामीणों में शांति और विकास की उम्मीद देखी गई। इस इलाके में ग्रामीण काला और लाल झंडे देखते थे। इसी इलाके में पिछले दिनों नक्सलियों ने एक यात्री बस को आग के हवाले कर दहशत कायम रखने की कोशिश भी की है।
मुख्य धारा में आओ या गोली खाओ
नदी पार बसे गांव वाले लंबे समय से इंद्रावती के इस तट पर पुल की मांग कर रहे थे। उनकी मांग और प्रशासनिक पहल को रोकने नक्सली अपनी काली करतूतों से बाज नहीं आ रहे थे। इसलिए अब शासन प्रशासन ने फोर्स की कैंप लगाकर पुल निर्माण करेगी। साथ ही नक्सलियों को चुनौती देते स्पष्ट कर दिया है कि सरेंडर कर लोकतंत्र के मुख्यधारा में जुड़ जाओ, अन्यथा गोली खाने तैयार रहो।
विकास प्रेमी रहे हैं निशाने पर
नदी पार और आसपास के विकास प्रेमी ग्रामीण औऱ जनप्रतिनिधि हमेशा नक्सलियों के दुश्मन रहे हैं। नक्सलियों ने उनकी हत्या की या इतना प्रताड़ित किया,कि वे परिवार के साथ पुश्तैनी खेत घर छोड़कर पलायन करने मजबूर हुए हैं। ग्राम कौरगांव, तुमड़ीगुंडा आदि गांव में लगातार ग्रामीणों को डराया धमकाया जा रहा है।