भय्यू महाराज मौत मामले में सीबीआई जांच के लिए याचिका दायर करेंगे अनुयायी
मध्य प्रदेश के इंदौर में भय्यू महाराज की मौत के मामले में पुलिस जांच से असंतुष्ट उनके अनुयायी सीबीआई जांच की मांग को लेकर कोर्ट में याचिका लगाएंगे।
इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। मध्य प्रदेश के इंदौर में भय्यू महाराज की मौत के मामले में पुलिस जांच से असंतुष्ट उनके अनुयायी सीबीआई जांच की मांग को लेकर कोर्ट में याचिका लगाएंगे। महाराष्ट्र से आए अनुयायियों का कहना है कि कई बिन्दुओं पर जांच नहीं की गई है।
कुछ अनुयायी महाराज के स्कीम-74 स्थित निवास शिवनेरी भी पहुंचे। उनके समक्ष महाराज की पत्नी आयुषी ने नाराजगी भी जाहिर की और कहा कि किसी तरह की आíथक मदद नहीं मिल रही है। अनुयायियों ने इस बारे में ट्रस्ट के पदाधिकारियों से बात की तो उनका कहना था कि ट्रस्ट की राशि से ट्रस्ट की गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। दो महीने से भय्यू महाराज के लापता सेवादार विनायक को लेकर भी पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट पर अनुयायियों ने विचार किया है। भय्यू महाराज ने विनायक को बैंक व अन्य अधिकार सौंपे थे और वह ट्रस्ट में भी सदस्य है।
आरटीओ ने शुरू की जांच दोनों पक्षों के बयान संभव
भय्यू महाराज की कार का गलत ढंग से नाम ट्रांसफर का मामला सामने आने के बाद आरटीओ ने मामले की जांच शुरू कर दी है। आरटीओ जितेन्द्र सिंह रघुवंशी ने बताया कि इस मामले में मंगलवार को कार की ओरिजनल फाइल और ट्रांसफर फाइल निकलवाई है। प्रारंभिक रूप से हस्ताक्षर सही पाए गए हैं लेकिन हम विस्तृत परीक्षण कर रहे हैं। जरूरत पड़ने पर हम गाड़ी के खरीदार मयूरेश पिंगले और सतगुर दत्त धार्मिक और पारमाíथक ट्रस्ट के पदाधिकारियों को बुलवाएंगे। स्मार्टचिप के सिस्टम में गाड़ी को लॉक करवा दिया है, जिससे जांच की अवधि तक गाड़ी की खरीदी-ब्रिकी नहीं हो सकेगी।
उल्लेखनीय है कि भय्यू महाराज ने फरवरी में एक कार खरीदी थी। सात फरवरी को यह कार सदगुर दत्त धार्मिक और पारमाíथक ट्रस्ट के नाम पर रजिस्टर्ड हो गई थी। महाराज की मौत के 13 दिन बाद 23 जून को यह कार पीएमएस रियल इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर ट्रांसफर हो गई। यह कंपनी भारतीय जनता युवा मोर्चा के महामंत्री मयूरेश पिंगले की है। इसके अलावा महाराज ने दो बसें भी ली थी जिसमें से एक बस नीमच आरटीओ में रजिस्टर्ड हो गई है जबकि दूसरी बस अभी ट्रस्ट के नाम पर है। जब ट्रस्ट पदाधिकारियों को जानकारी मिली कि बिना उनकी अनुमति के गाडि़यां ट्रांसफर हो गई हैं तो ट्रस्ट की ओर से इंदौर और धार आरटीओ में आपत्ति लगाई गई है।