देश का पहला राज्य जहां थानों में दीवारों पर बने होंगे कार्टून कैैरेेक्टर
छत्तीसगढ़ देश का ऐसा पहला राज्य होगा जहां हर जिले में पांच "चाईल्ड फ्रेंडली" थाने होंगे।
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एससीपीसीआर) ने सिफारिश की है कि प्रत्येक जिले को कम से कम 5 "चाईल्ड फ्रेंडली" थानों का निर्माण करना होगा। सिफारिश के अनुसार इन थानों में बच्चों के लिए एक विशेष जगह बनाई जाएगी और वहां दीवारों पर कार्टून करैक्टर बने होने के साथ-साथ खिलौने भी होंगे। थानों में बच्चों के लिए फ्रैंडली माहौल तैयार किया जाएगा ताकि किसी भी प्रकार से उनके मन में पुलिस को लेकर कोई खौफ न रहे।
छत्तीसगढ़ देश का ऐसा पहला राज्य होगा होगा जहां एससीपीसीआर इस तरह के कदम उठा रहा है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग भी अन्य राज्यों में इसी तरह के कदम उठाने पर विचार कर रहा है। इस तरह के कदम पहले से ही रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर जैसे जिलों में उठाए जा चुके हैं जबकि महासमुंद में इस तरह के चाईल्ड फ्रेंडली स्टेशन बनाने का कार्य चल रहा है।
अंग्रेजी अखबार टाईम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए एससीपीसीआर की अध्यक्ष शताब्दी पांडे ने कहा, "बाल अधिकारों के उल्लंघन के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए अधिक से अधिक मात्रा में लोग पुलिस से संपर्क कर रहे हैं। यह जरूरी हो जाता है कि बच्चों को मित्रवत् वातावरण प्रदान किया जाए, जिससे वह निडर होकर पुलिस से बात कर सके। बच्चों से सख्त प्रश्न पूछने की बजाए आसान बातचीत के जरिए इसे सरल बनाया जा सकता है।"
रायपुर में पांच उन पुलिस स्टेशनों की पहचान की गई है जहां पर "'चाईल्ड फ्रेंडली" थाने बनाए जाएंगे, इनमें अमानाका, पंडारी, देवेंद्र नगर, डीडी नगर, और सिविल लाईंस शामिल हैं। बच्चों से संबंधित मामलों को जुवेनाईल पुलिस यूनिट संभालेगी जिसमें महिला अधिकारी सहित 5 अधिकारी शामिल रहेंगे।
टीओआई से बात करते हुए एनसीपीसीआर, नई दिल्ली के सदस्य यशवंत जैन ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का ऐसा पहला राज्य होगा जहां एससीपीसीआर की सिफारिशों पर इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा जैसे ही इस तरह के चाईल्ड- फ्रेंडली पुलिस थानों का निर्माण हो जाएगा तो टीम वहां का दौरा करेगी और इसी तरह की पहल अन्य प्रदेशों में भी लागू करने के लिए कहेगी।