राजनाथ बोले- 1971 में पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए थे, अगर अब फिर कुछ गलती की तो...देखें Video
राजनाथ सिंह ने कहा कि आजादी के समय मुसलमान बंटवारा नहीं चाहते थे लेकिन कुछ नेता चाहते थे कि बंटवारा हो।
नई दिल्ली, एएनआइ। 1971 में भारत पाकिस्तान के बीच यह तीसरा युद्ध हुआ था। इस युद्ध में 94000 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिकों को बंदी बनाया गया। इस युद्ध को 'बांग्लादेश का स्वतंत्रता संग्राम' भी कहा जाता है, क्योंकि दुनिया में सबसे कम अवधि तक चले युद्धों में शुमार की जाने वाली इस जंग का खात्मा बांग्लादेश के गठन के साथ ही हुआ था।
भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सभी युद्धों में 1971 की हार को पाकिस्तान की सबसे बड़ी हार कहा जाता है। इस युद्ध के अंत में पूर्वी पाकिस्तान आज़ाद घोषित कर दिया गया और बांग्लादेश के रूप में नए देश का गठन हुआ। तो अब भारत ने फिर इस बात को याद दिलाया है।...और कहा है कि अगर पाकिस्तान दोबारा गलती करता है तो अंजाम बुरा होगा।
देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का एक बयान देते हुए वीडियो सामने आया है, जिसमें पाकिस्तान को 1971 की लड़ाई याद दिला रहे हैं। सिंह कह रहे है, 'बार-बार सुझाव दे चुका हूं पाकिस्तान को भी...1971 में पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए थे, पाकिस्तान और बांग्लादेश बन गया था। मैंने कहा 1971 की गलती मत दोहराना, नहीं तो POK को क्या होगा अच्छी तरह समझ लेना।'
राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि 1971 की गलती मत दोहराना। ऐसा किया तो पाक अधिकृत कश्मीर का क्या होगा, यह समझ लेना।उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान का वजूद स्वीकर करते है लेकिन पीओके का वजूद स्वीकार नहीं करते, क्योंकि पाकिस्तान ने वहां जबरन कब्जा कर रखा है। उन्होेंने अब तक हमने सावधानी रखी है, लेकिन पाकिस्तान ने आतंकवाद के जरिए हमें अस्थिर करने के प्रयास जारी रखे तो आगे क्या होगा कहा नहीं जा सकता।
Defence Minister Rajnath Singh: Baar baar sujhav de chuka hoon Pakistan ko bhi...1971 mein Pakistan ke do tukre ho gaye the, Pakistan aur Bangladesh bann gaya tha. Maine kaha 1971 ki galti mat dohrana, nahi to PoK ka kya hoga achi tarah samajh lena. pic.twitter.com/Wef59zUKhL — ANI (@ANI) September 25, 2019
राजनाथ सिंह बुधवार को जयपुर के पास धानक्या में दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय स्मारक पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 103वीं जयंती पर आयोजित समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होने कहा कि जब से हमारी पार्टी बनी है हम धारा 370 के खिलाफ है। दीनदयाल उपाध्याय ने इसका विरोध किया था और श्यामा प्रसाद मुकर्जी ने इसके लिए बलिदान दिया था। हम अपने चुनाव घोषणा पत्र में लिखते थे कि धारा 370 खत्म करेंगे।
लोग कहते थे ये बार-बार लिखते है और देश की जनता को धोखा देते है। राजनाथ सिंह ने कहा कि हम चुनाव हारना पसंद करेंगे, लेकिन देश की जनता को धोखा नहीं देंगे, क्योंकि हम राजनीति सरकार बनाने के लिए नहीं देश बनाने के लिए करते है। हमने यह दिखा दिया कि भाजपा की कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है।
370 का हटना हजम नहीं हो रहा
राजनाथ सिंह ने कहा कि पडौसी देश को 370 का हटना हजम नहीं हो रहा है, लेकिन मैं पाकिस्तान से कहना चाहता हूं कि 1971 की गलती मत दोहराना, वरना पीओके क्या होगा, यह अचछी तरह समझ लेना। उन्होने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के जरिए भारत को अस्थिर करने की कोशिश करता हैं, लेकिन हमने बहुत सावधानी रखी है। उसने हमारे सैनिक मारे, लेकिन हमने पाकिस्तान पर हमला नहीं किया, हमने बालाकोट में प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया। हमने उसकी सेनापर भी हमला नहीं किया।
हमने पाकिस्तान की सम्प्रभुमता को चुनौती नहीं दी। लेकिन ऐसा बार बार किया गया तो आगे क्या होगाकुछ कहा नहीं जा सकता। राजनाथ सिंह ने कहा कि हम पाकिस्तान के वजूद को स्वीकार करते है, लेकिन हम पीओके के वजूद को स्वीकार नहीं करते, क्योंकि पाकिस्तान ने उस पर जबरन कब्जा कर रखा है, इसीलिए जम्मू कश्मीर की विधानसभा में 24 सीटें खाली रखी जाती है।
मुसलमान बंटवारा नहीं चाहते थे
राजनाथ सिंह ने कहा कि आजादी के समय मुसलमान बंटवारा नहीं चाहते थे, लेकिन कुछ नेता चाहते थे कि बंटवारा हो। जनसंघ ने उस समय भी विरोध किया था औश्र आगे भी जब जब देश के टुूकडे होने की नौबत आई है हमने हमेशा उसका विरोध किया है। हमारी सोच ऐसी है कि हम जाति धर्म और पंथ पर नहीं इंसाफ और मानवता के आधार पर राजनीति करते है। उन्होंने कहा कि धारा 370 के कारण जम्मू कश्मीर में शिक्षा का अधिकार नहीं था, भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती थी। तीन तलाक का कानून भी वहां लागू नहीं होता था। हमने इसे ठीक किया है।
राजनाथ ने कहा कि एक समय स्वामी विवेकानंद ने अमेरिका में सम्बोधन दे कर देश की सांस्कृतिक पताका फहराई थी। अब भारत की ताकत की पताका फहरा रही है। उन्होंने हाउडी मोदी कार्यक्रम का जिक्रकरते हुए कहा कि दुनिया कासबसे ताकतवार देश अमरीका और उसके राष्ट्रपति के साथ सीना चैडा कर हाथ से हाथ मिला कर चलता भारत का प्रधानमंत्री।
इस देख कर हर भारतवासी को गौेरव की अनुभूति हुई। अब भारत की शक्ति को दुनिया को देख रही है। भारत अब कमजोर देश नहीं रहा हैं। ताकतवर भारत बन गया हैं। उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय को याद करते हुए कहा कि हमारी सरकार उन्हीें के बताए रास्ते पर चल रही है। उन्होंने जनसंघ का जो दीपक जलाया था, वह आज पूरी दुनिया में सूरज बन कर चमक रहा है।
कांग्रेस पर हमला
इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहसरकार्यवाह कृष्ण गोपाल ने कहा कि जो कांग्रेस देश की आजादी के लिए लड रही थी, वहीं आजादी के बाद राजनीति में उतर गई और उसने गांधी, पटेल के रास्ते को छोड दिया। ऐसे दौर में देश को भारतीय चिंतन की जरूरत थी जो दीनदयाल उपाध्याय ने दिया।
उन्होंने कहा कि आज भाजपा की सफलात के पीछे कहीं न कहीं दीनदयाल उपाध्याय ही खडे नजर आते है। उस समय लोग उपहास करते थे, लेकिन उपाध्याय के बताए रास्ते पर चलते हुए ही भाजपा यहां तक आ पहुंची है और धारा 370 समाप्त कर भाजपा ने उनके सपने को पूरा किया है। इस अवसर पर दीनदयाल उपाध्याय पर शोध करने वाले शोधार्थियों को सम्मानित भी किया गया।