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आइएमएफ ने भारत के कृषि सुधारों को बताया सही दिशा में उठाया गया कदम, बिचौलियों की भूमिका होगी सीमित

भारत सरकार के कृषि सुधारों का घरेलू स्तर पर किसानों का एक वर्ग और कुछ राजनीतिक दल भले ही विरोध कर रहे हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने इसे सही दिशा में उठाया गया कदम बताया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 10:18 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 10:18 PM (IST)
भारत सरकार के सुधारों से कृषि क्षेत्र में सीमित होगी बिचौलियों की भूमिका।

नई दिल्ली (एजेंसी)। भारत सरकार के कृषि सुधारों का घरेलू स्तर पर किसानों का एक वर्ग और कुछ राजनीतिक दल भले ही विरोध कर रहे हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने इसे सही दिशा में उठाया गया कदम बताया है। आइएमएफ का मानना है कि इससे कृषि क्षेत्र में बिचौलियों की भूमिका सीमित होगी जिसका सही असर होगा। इस अंतरराष्ट्रीय एजेंसी ने कोरोना के खिलाफ भारत सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों की भी प्रशंसा की है। यह भी कहा भारत ने इस महामारी से लड़ने के लिए जो कदम उठाये वो बेहद निर्णायक रहे।

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कृषि क्षेत्र में भारत की स्थिति सुधरेगी रैंकिंग: आइएमएफ

आइएमएफ की प्रबंध निदेशक (एमडी) क्रिस्टीलीना जॉरजीवा ने वैश्विक सालाना कांफ्रेंस में इस बात के साफ संकेत दिए कि जल्द ही रिलीज की जाने वाली वैश्विक रिपोर्ट में भारत की स्थिति मजबूत दिखाई जाएगी। यह रिपोर्ट 26 जनवरी, 2021 को रिलीज की जाने वाली है जिसमें विभिन्न देशों की आर्थिक स्थिति का आकलन व रैंकिंग होती है। आइएमएफ एमडी ने कृषि क्षेत्र समेत दूसरे क्षेत्रों में संरचनात्मक सुधार को लेकर उठाये जाने वाले कदमों की भी सराहना की।

आइएमएफ ने भारत के कृषि सुधारों को बताया सही दिशा में उठाया गया कदम 

जॉरजीवा ने कहा कि यह सही दिशा में उठाया गया कदम है। इस कांफ्रेंस में मौजूद आइएमएफ के दूसरे विशेषज्ञों ने भी कृषि सुधार विधेयक को किसानों की जिदगी में बेहतरी लाने वाला कदम बताया।

इन सुधारों से कृषि क्षेत्र में सीमित होगी बिचौलियों की भूमिका

उन्होंने कहा कि भारत सरकार कृषि उत्पादों की मार्केटिग में बिचौलियों की भूमिका खत्म करने के लिए गंभीर है और यह समूचे कृषि सेक्टर के लिए एक सकारात्मक कदम है, लेकिन सरकार को यह देखना पड़ेगा कि समाज के सभी वर्ग को सामाजिक सुरक्षा के तहत शामिल किया जा सके ताकि सुधारों का असर किसी भी वर्ग पर उल्टा नहीं पड़े। इन सुधारों का कितना असर होगा यह इस चीज पर निर्भर करेगा कि कितने प्रभावशाली तरीके से इन्हें लागू किया जाता है और इसका फायदा कितने बड़े वर्ग को मिलता है। उन्होंने कहा कि सरकार को सुधारों को लागू करने में यह भी ख्याल रखना होगा कि जो इससे प्रभावित हो रहे हैं उन्हें सही मौका मिले।

जॉरजीवा ने कहा- कोरोना को लेकर भारत ने काफी निर्णायक फैसले किए

जॉरजीवा ने कहा कि सभी को 26 जनवरी को जारी होने वाली रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए। भारत की इस रिपोर्ट में स्थिति ठीक रहेगी। यह इसलिए होगा कि कोरोना को लेकर भारत ने काफी निर्णायक फैसले किए हैं। साथ ही महामारी के आर्थिक दुष्प्रभावों को रोकने के लिए किए गए फैसले काफी सही रहे। लॉकडाउन के बाद भारत की आर्थिक गतिविधियां अब पूर्व के स्तर पर पहुंचने के करीब हैं। यह बहुत ही महत्वपूर्ण है। भारत ने दूसरे विकासशील देशों के मुकाबले मौद्रिक व राजकोषीय उपाय ज्यादा किए हैं। भारत के पास अभी और कदम उठाने की क्षमता है।


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