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फिर मंडराया चक्रवाती तूफान का खतरा, नौ अक्टूबर को अंडमान सागर में बन सकता है कम दबाव का क्षेत्र

उत्तरी अंडमान सागर में नौ अक्टूबर को कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है। इसके चक्रवाती तूफान बनकर आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटीय इलाके की ओर बढ़ने की आशंका है। इसके चलते 11-13 अक्टूबर के बीच कई इलाकों में भारी बारिश हो सकती है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 05 Oct 2020 06:03 AM (IST)Updated: Mon, 05 Oct 2020 06:03 AM (IST)
फिर मंडराया चक्रवाती तूफान का खतरा, नौ अक्टूबर को अंडमान सागर में बन सकता है कम दबाव का क्षेत्र
देश में एकबार फिर चक्रवाती तूफान का खतरा मंडराने लगा है...

नई दिल्ली, पीटीआइ। उत्तरी अंडमान सागर में नौ अक्टूबर को कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है। इसके चक्रवाती तूफान बनकर आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटीय इलाके की ओर बढ़ने की आशंका है। भारतीय मौसम विभाग की चक्रवात चेतावनी शाखा ने रविवार को यह जानकारी दी। हालांकि, इसने चक्रवाती तूफान आने की कोई भविष्यवाणी नहीं की है। कम दबाव वाले क्षेत्र से ओडिशा और तटीय आंध्र प्रदेश में 11-13 अक्टूबर के बीच बारिश हो सकती है।

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कम दबाव का क्षेत्र किसी चक्रवात का पहला चरण होता है। हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि कम दबाव का हर क्षेत्र चक्रवाती तूफान में बदल ही जाए। उल्लेखनीय है कि अक्टूबर में अक्सर बंगाल की खाड़ी में चक्रवात आता है। 2013 और 2014 के अक्टूबर महीने में भयंकर चक्रवाती तूफान फेलिन और हुदहुद आया था। इन दोनों तूफानों ने ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाके में काफी तबाही मचाई थी।

उत्‍तर भारत के मैदानी इलाकों में जैसे-जैसे सर्दियां बढ़ रही हैं और न्यूनतम तापमान गिर रहा है वायु प्रदूषण भी बढ़ता जा रहा है। कई शहरों में स्थिति चिंता बढ़ाने वाली है। रविवार रात साढ़े नौ बजे लखनऊ, कानपुर और हरियाणा के यमुनानगर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) गंभीर स्थिति में पहुंच गया। विशेषज्ञ लगातार आशंका जता रहे हैं कि वायु जितना अधिक प्रदूषित होगी, कोरोना का वायरस उतना ही मजबूत होगा। ऐसे में कोरोना का संक्रमण रोकना और कठिन हो जाएगा।

रविवार को हरियाणा की सीमा से सटा राजस्थान का औद्योगिक नगर भिवाड़ी देश में सबसे ज्यादा प्रदूषित रहा। वहां का एक्यूआइ (एयर क्वालिटी इंडेक्स) रविवार शाम पांच बजे 311 दर्ज किया गया। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा और फरीदाबाद की हवा भी खराब श्रेणी में पहुंचने को है। केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता निगरानी संस्था सफर इंडिया के मुताबिक हवा की दिशा उत्तर-पश्चिमी है। इसी हवा के साथ पराली का धुआं दिल्ली-एनसीआर तक पहुंचता है।

वहीं मौसम का पूर्वानुमान जारी करने वाली निजी एजेंसी स्‍काईमेट का कहना है कि अगले दो-तीन दिनों के दौरान उत्तरी मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों, राजस्थान के लगभग सभी क्षेत्रों और उत्तर प्रदेश के कुछ भागों से मॉनसून के वापस होने की संभावना है। हालांकि, मध्य भारत के बाकी हिस्सों और पूर्वी तथा पूर्वोत्तर राज्यों से इसकी वापसी कुछ समय के लिए अभी लटक सकती है। अगले 24 घंटों के दौरान पूर्वोत्तर भारत में कुछ जगहों हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।


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