जून में हुई अधिक बरसात, जुलाई में भी तेज बारिश की उम्मीद, असम में सात लोगों की मौत
मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि जून के महीने में अधिक बारिश हुई जुलाई में भी झमाझम बरसात की उम्मीद है। उधर असम में बाढ़ और भूस्खलन में सात लोगों की मौत हो गई है...
नई दिल्ली, पीटीआइ। मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने बुधवार को कहा कि जून के महीने में अधिक बारिश हुई। जुलाई में भी झमाझम बरसात की उम्मीद है। आइएमडी के डाटा के मुताबिक जून के महीने में लंबी अवधि औसत (एलपीए) का 118 फीसद बारिश दर्ज की गई। इतनी बरसात को अधिक माना जाता है। विभाग के मुताबिक पिछले 12 वर्ष में इस साल जून में सबसे ज्यादा बरसात हुई। इधर असम में लगातार हो रही बारिश के चलते बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर लिया है। बाढ़ और भूस्खलन जनित हादसों में सात लोगों की मौत हो गई है।
एलपीए किसी क्षेत्र विशेष में बारिश की मात्रा को मापने का पैमाना है, जिसका निर्धारण 1961-2010 के दौरान हुई औसत बारिश के आधार पर किया गया है, जो 88 फीसद है। 90 से 96 फीसद के बीच बारिश होने पर उसे सामान्य से नीचे और 96 से 104 फीसद के बीच बारिश को सामान्य माना जाता है। इसी तरह 104 से 110 फीसद के बीच बारिश को सामान्य से अधिक और 110 फीसद से ज्यादा को अधिक बारिश माना जाता है।
जून के महीने में आइएमडी के मध्य भारत उपखंड में एलपीए का 131 फीसद बरसात हुई है। इस क्षेत्र में गोवा, कोंकण, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ आते हैं। पूर्वी और पूर्वोत्तर उपखंड में एलपीए का 116 फीसद बारिश हुई है। इस दौरान असम को बाढ़ का सामना करना पड़ा तो बिहार में भी झमाझम बरसात हुई। आइएमडी के महानिदेशक मृत्यंजय महापात्र ने जुलाई में एलपीए के 103 फीसद बरसात की उम्मीद जताई है।
असम में बाढ़ और भूस्खलन से सात लोगों की मौत
असम में लगातार हो रही बारिश के चलते बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर लिया है। राज्य में बाढ़ और भूस्खलन के चलते और सात लोगों की मौत हो गई है। अब तक इससे जुड़े हादसों में 33 लोगों की जान जा चुकी है। राज्य के 23 में से 21 जिलों में बाढ़ और प्राकृतिक आपदा से 15 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। हालांकि, मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली समेत उत्तर भारत में उमस भरी गर्मी से लोग परेशान हैं। बारिश नहीं होने से गर्मी लगातार बढ़ रही है। मौसम विभाग ने इस हफ्ते के आखिर में दिल्ली समेत उत्तर भारत में बारिश होने का पूर्वानुमान व्यक्त किया है।