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Positive India : आईआईटी रोपड़ का 'जीवनवायु' बनेगा स्लीप एपनिया के मरीजों के लिए मददगार

दावा किया जा रहा है कि देश का पहला ऐसा उपकरण है जो बिना बिजली के भी काम करता है और अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर व ऑक्सीजन पाइपलाइन जैसी दोनों प्रकार की ऑक्सीजन उत्पादन इकाइयों के लिए अनुकूलित है। ये प्रावधान अन्य मौजूदा सीपीएपी मशीनों में उपलब्ध नहीं हैं।

By Vineet SharanEdited By: Published: Fri, 18 Jun 2021 08:46 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jun 2021 08:47 AM (IST)
सीपीएपी नींद के दौरान सांस लेने में समस्या (स्लीप एपनिया) वाले मरीजों के लिए एक उपचार पद्धति है।

नई दिल्ली, अनुराग मिश्र। आईआईटी रोपड़ ने 'जीवनवायु' डिवाइस का निर्माण किया है जो कि स्लीप एपनिया के मरीजों के लिए काफी मददगार होगा। इसकी सबसे बड़ी खासियत इसका पावर फ्री होना है। इससे यह सुदूर और ग्रामीण क्षेत्रों में मरीजों के लिए कारगर साबित होगा।

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दावा किया जा रहा है कि देश का पहला ऐसा उपकरण है जो बिना बिजली के भी काम करता है और अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर व ऑक्सीजन पाइपलाइन जैसी दोनों प्रकार की ऑक्सीजन उत्पादन इकाइयों के लिए अनुकूलित है। ये प्रावधान अन्य मौजूदा सीपीएपी मशीनों में उपलब्ध नहीं हैं।

कोविड और बच्चों दोनों के लिए है प्रभावकारी

सीपीएपी नींद के दौरान सांस लेने में समस्या, जिसे स्लीप एपनिया कहा जाता है, वाले मरीजों के लिए एक उपचार पद्धति है। यह मशीन आसान सांस लेने को लेकर हवा के रास्ते को खुला रखने के लिए हल्के वायु दाब का उपयोग करती है। इसका उपयोग उन नवजातों के इलाज के लिए भी किया जाता है, जिनके फेफड़े पूरी तरह से विकसित नहीं हुए हैं। यह मशीन बच्चे के फेफड़ों को फुलाने में मदद करने के लिए उसके या उसकी नाक में हवा भरती है। कोविड-19 संक्रमण के शुरुआती चरणों के दौरान यह उपचार सबसे अधिक जरूरी है। यह फेफड़ों के नुकसान को कम करती है और मरीजों को दुष्प्रभाव से उबरने में सहायता करती है।

बिजली के बिना चल सकने के कारण बनी स्पेशल

चिकित्सकीय रूप से जरूरी सभी मानकों को पूरा करते हुए, यह रिसाव-रहित व कम लागत वाली सीपीएपी वितरण प्रणाली, "जीवन वायु' 22 मिलीमीटर सीपीएपी क्लोज सर्किट ट्यूब के लिए डिजाइन की गई है। इसे ट्यूब के आकार के अनुरूप भी अनुकूलित किया जा सकता है। चूंकि यह बिजली न होने पर भी चल सकती है, इसलिए इसका उपयोग मरीजों के सुरक्षित आवागमन के लिए किया जा सकता है।

मेटलर्जिकल एंड मटेरियल्स की सहायक प्रोफेसर डा. खुशबू राखा ने इसे आईआईटी रोपड़ की एडवांस्ड मटेरियल्स एंड डिजाइन लैब में उपकरण विकसित किया है। डा.खुशबू राखा का कहना है कि मौजूदा कोविड महामारी के दौरान यह मशीन समय की जरूरत थी जब वेंटिलेटर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जैसे चिकित्सा उपकरणों के सहारे लोगों के जीवन को बचाने के लिए विद्य़ुत की आपूर्ति प्रमुख चिंता का विषय है।

वायरस के खिलाफ है कारगर

डा. रेखा ने कहा कि इसमें एयर एंटरटेनमेंट छोर पर एक इनबिल्ट वायरल फिल्टर है, जिसकी वायरल प्रभावशीलता 99.99 फीसदी है। वायरल फिल्टर यह सुनिश्चित करता है कि हवा, वातावरण से बीमारी पैदा करने वाले जीवाणु को नहीं लाती है। इस उपकरण को 3डी प्रिंटिंग का उपयोग करके बनाया गया है और इसका यांत्रिक परीक्षण भी किया गया है।

'जीवन वायु' 20 सेंटीमीटर H2O तक के निरंतर सकारात्मक दबाव को बनाए रखते हुए उच्च प्रवाह ऑक्सीजन (20-60 एलपीएम) प्रदान कर सकता है। इस उपकरण को 5-20 सेमी H2O के पीईईपी (पॉजिटिव एन्ड-एक्सपायरटरी प्रेशर) के साथ 40 फीसदी से ऊपर के FiO2 को बनाए रखने के लिए डिजाइन किया गया है। 


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