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IIT खड़गपुर के जैव शौचालय को मिला स्वच्छ भारत पुरस्कार

आइआइटी खड़गपुर द्वारा तैयार किए गए जैव शौचालय (बायो-इलेक्ट्रिक टॉयलेट) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के तहत पुरस्कृत किया गया है

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 03 Apr 2018 10:08 AM (IST)Updated: Tue, 03 Apr 2018 10:08 AM (IST)
IIT खड़गपुर के जैव शौचालय को मिला स्वच्छ भारत पुरस्कार
IIT खड़गपुर के जैव शौचालय को मिला स्वच्छ भारत पुरस्कार

खड़गपुर [ जेएनएन ]। आइआइटी खड़गपुर के सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट द्वारा तैयार किए गए जैव शौचालय (बायो-इलेक्ट्रिक टॉयलेट) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के तहत पुरस्कृत किया गया है।

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अपशिष्ट जल का दोबारा उपयोग करने के साथ-साथ विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करने की उपलब्धि के कारण इस परियोजना को प्रधानमंत्री ने "स्वच्छ भारत पुरस्कार" प्रदान किया है।

इस परियोजना का नेतृत्व कर रहे सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रोफेसर सह मुख्य शोधकर्ता एमएम गांगरेकर ने कहा-" भारत सरकार के विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित इस परियोजना के तहत हमने 1500 लीटर की क्षमता वाला मॉडल बायो-इलेक्ट्रिक टॉयलेट संस्थान परिसर में स्थापित किया है। प्रतिदिन पांच लोग इसका उपयोग कर सकते हैं। अपशिष्ट जल का दोबारा प्रयोग करने व बिजली पैदा करने की खासियत के चलते यह परियोजना प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान के लक्ष्य को आगे बढ़ाने में सहायक होगी। इसके जरिये हम लोगों को स्वच्छ शौचालयों तक पहुंचाने का प्रयास कर सकते हैं।"

प्रो. गांगरेकर ने कहा कि बायो-इलेक्ट्रिक टॉयलेट में छह कक्ष वाला रिएक्टर होता है, जिसमें शौचालय के लिए प्रयोग किए गए गंदे पानी को साफ करने के साथ ही पानी से बिजली पैदा की जाती है।

इसकी मदद से हम रात में शौचालय में रोशनी के साथ मोबाइल व अन्य स्मार्ट उपकरणों को चार्ज भी कर सकते हैं। परियोजना से जुड़े पीएचडी छात्र इंद्रीस दास ने कहा कि आम लोग इस शौचालय का सहज ढंग से उपयोग कर सकें।

इसके लिए हम लोग कड़ी मेहनत कर रहे हैं। राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) ने इस परियोजना को नोएडा में स्थापित कराने का प्रस्ताव भी आइआइटी खड़गपुर को दिया है। 


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