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बिना बर्फ के मनचाहे तापमान पर भेजी जा सकेगी वैक्सीन, आइआइटी ने विकसित किया कैरियर बॉक्स

आइआइटी इंदौर की सीनियर हेल्थ मेडिकल ऑफिसर डॉ.शिल्पा राउत ने कंप्यूटर प्रणाली से काम करने वाला स्टैंडअलोन वैक्सीन कैरियर बॉक्स विकसित किया है। साल भर से इस पर शोध चल रहा था। बॉक्स में बर्फ का उपयोग किए बगैर वैक्सीन के लिए जरूरी तापमान नियंत्रित करने की सुविधा है।

By Neel RajputEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 10:05 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 10:05 PM (IST)
बिना बर्फ के मनचाहे तापमान पर भेजी जा सकेगी वैक्सीन, आइआइटी ने विकसित किया कैरियर बॉक्स
व्यावसायिक निर्माण की सहायता के लिए सरकार व अन्य कंपनियों को भेजा प्रस्ताव

इंदौर, जेएनएन। कोरोना या पोलियो किसी भी बीमारी की वैक्सीन के परिवहन में तापमान नियंत्रण सबसे ब़़ड़ी चुनौती रहती है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) इंदौर ने तापमान को नियंत्रित रखते हुए सूदूर गांव या टीकाकरण केंद्र तक वैक्सीन परिवहन के लिए एक बॉक्स विकसित किया है। इसे 'आत्मनिर्भर वैक्सीन कैरियर' नाम दिया गया है। करीब छह किलो वजनी बॉक्स में वैक्सीन को कहीं भी ले जाना संभव होगा।

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आइआइटी इंदौर की सीनियर हेल्थ मेडिकल ऑफिसर डॉ.शिल्पा राउत ने कंप्यूटर प्रणाली से काम करने वाला स्टैंडअलोन वैक्सीन कैरियर बॉक्स विकसित किया है। साल भर से इस पर शोध चल रहा था। बॉक्स में बर्फ का उपयोग किए बगैर वैक्सीन के लिए जरूरी तापमान नियंत्रित करने की सुविधा है। बॉक्स पर तापमान डिस्प्ले होगा और एप से तापमान और लोकेशन नियंत्रित की जा सकेगी। डॉ. राउत के अनुसार अब तक के वैक्सीन कैरियर बॉक्स इंसुलेटेड कंटेनरों और आइस पैक का उपयोग करते हैं। इससे बॉक्स न केवल भारी हो जाता है बल्कि तापमान नियंत्रित करना भी आसान नहीं होता।

स्वास्थ्य क्षेत्र में काम कर रहे दोस्तों ने परेशानी बताई थी कि कई बार बर्फ पिघलने के कारण दूरस्थ क्षेत्रों से टीकाकरण पूरा करने से पहले ही लौटना पड़ा। तापमान नियंत्रित नहीं होने से वैक्सीन खराब भी हो जाती है। डॉ. राउत बताती हैं कि हमने जो वैक्सीन बॉक्स बनाया है वह थर्मोइलेक्टि्रक कूलर से चलता है। गाडि़यों में लगने वाली छोटी ड्राय बैटरी इसे ऊर्जा देती है। इसे चार्ज किया जा सकता है। इसका तापमान दो से आठ डिग्री सेल्सियस के बीच रखा जा सकता है। देश में वैक्सीन को इसी तापमान पर रखा और परिवहन किया जाता है। चाहें तो बॉक्स के तापमान को और कम भी कर सकते हैं।

मोबाइल एप से यह बॉक्स जुड़ा रहता है। हर पल के तापमान की जानकारी तो एप पर मिलती ही है, किस लोकेशन पर बॉक्स है यह भी दूर बैठे एप पर पता लग सकता है। इससे न केवल वैक्सीन का परिवहन आसान होगा बल्कि टीकाकरण पर निगाह भी रखी जा सकती है। आइआइटी ने कैरियर बॉक्स विकसित करने के बाद इसके व्यावसायिक निर्माण के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने सरकार सहित अन्य एजेंसियों व कंपनियों को प्रस्ताव भेजा है। यदि सरकार या अन्य एजेंसी इसके निर्माण में आगे आती है तो कोविड-19 के टीकाकरण से लेकर अन्य तमाम अभियानों व जैविक नमूनों को सुरक्षित रखने के उपयोग में यह बॉक्स आ सकता है।


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